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राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामला: अदालत ने सुनवाई 20 दिसंबर तक स्थगित की

अदालत ने अभियोजन पक्ष के एक महत्वपूर्ण गवाह की अनुपलब्धता के कारण यह निर्णय लिया।

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक स्वयंसेवक की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई शनिवार को 20 दिसंबर तक स्थगित कर दी। अदालत ने अभियोजन पक्ष के एक महत्वपूर्ण गवाह की अनुपलब्धता के कारण यह निर्णय लिया।

पेश नहीं हुआ गवाह

राहुल के वकील नारायण अय्यर ने सुनवाई स्थगित किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि गवाह अशोक सायकर व्यक्तिगत कारणों से पेश नहीं हो सके। सायकर वर्तमान में सोलापुर के बार्शी में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) हैं। सायकर की गवाही अब 29 दिसंबर को दर्ज किए जाने की संभावना है। उनकी गवाही को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 2014 में पुलिस उपनिरीक्षक के रूप में उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-202 के तहत मानहानि मामले की शुरुआती जांच की थी।

धारा-500 के तहत समन

सायकर की ओर से पेश रिपोर्ट के आधार पर ही अदालत ने बाद में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-500 के तहत राहुल के खिलाफ समन जारी किया था। आरएसएस के स्थानीय कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने छह मार्च 2014 को भिवंडी के पास एक चुनाव रैली में कांग्रेस नेता के उस कथित बयान को लेकर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘आरएसएस के लोगों ने (महात्मा) गांधी की हत्या की थी।’’

न्यायाधीश पीएम कोलसे कर रहे हैं सुनवाई

भिवंडी के संयुक्त दीवानी न्यायाधीश, जूनियर डिवीजन पीएम कोलसे वर्तमान में मामले की सुनवाई कर रहे हैं। इससे पहले 15 नवंबर को सुनवाई स्थगित कर दी गई थी, जब शिकायतकर्ता के वकील प्रबोध जयवंत ने एक आवेदन दायर कर सायकर से गवाह के रूप में पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी।

यह मामला पहले 29 नवंबर के लिए निर्धारित था, लेकिन राहुल की विधि टीम ने उनकी अनुपलब्धता का हवाला देते हुए सुनवाई स्थगित किए जाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद इसे छह दिसंबर तक के लिए टाल दिया गया था।

सुनवाई अब 20 दिसंबर को फिर से शुरू होगी।

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