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बलात्कार और गर्भपात के आरोपों में फंसे कांग्रेस विधायक की जमानत याचिका अदालत ने ठुकराई

तिरुवनंतपुरम अदालत ने गंभीर आरोपों और साक्ष्यों के आधार पर निलंबित विधायक राहुल ममकूटाथिल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की

तिरुवनंतपुरम: तिरुवनंतपुरम की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में निलंबित कांग्रेस विधायक राहुल ममकूटाथिल की अग्रिम जमानत याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। तिरुवनंतपुरम के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय की न्यायाधीश नजीरा एस ने दो दिन तक अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का निर्णय लिया।

ऑडियो क्लिप और चैट विवरण साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किए गए

बुधवार को लोक अभियोजक टी. गीनाकुमारी के अनुरोध पर अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका पर बंद कमरे में सुनवाई की। दोनों पक्षों ने ऑडियो क्लिप और चैट विवरण समेत कई साक्ष्य प्रस्तुत किए। ममकूटाथिल के वकील ने कहा कि संबंध सहमति से बने थे, लेकिन अभियोजन पक्ष ने महिला को गोलियां खिलाकर गर्भपात के लिए मजबूर करने के आरोप पर ध्यान केंद्रित किया।

अदालत का अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश

चूंकि अभियोजन पक्ष ने ऐसी सामग्री पर भरोसा किया जो अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई थी इसलिए अदालत ने वकील को अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इस निर्देश पर अभियोजन पक्ष ने बृहस्पतिवार को साक्ष्य के तौर पर अतिरिक्त सामग्री प्रस्तुत की।

अभियोजन पक्ष ने कांग्रेस पार्टी द्वारा भेजी गई शिकायत के आधार पर ममकूटाथिल के खिलाफ दर्ज एक नए यौन उत्पीड़न मामले का विवरण भी प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत सामग्री पर गौर करने के बाद, अदालत ने याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया।

इन धाराओं के तहत मामला दर्ज

ममकूटाथिल पर एक महिला के साथ बलात्कार करने और उसे गर्भपात के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया गया था। पिछले सप्ताह पलक्कड़ के विधायक ममकूटाथिल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 64(2)(एफ) (विश्वास या अधिकार की स्थिति में किसी व्यक्ति द्वारा बलात्कार), 64(2)(एच) (महिला के गर्भवती होने के बारे में जानते हुए बलात्कार), 64(2)(एम) (एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार), 89 (सहमति के बिना गर्भपात कराना), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 351(3) (आपराधिक धमकी) और 3(5) (संयुक्त आपराधिक दायित्व) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन

पुलिस ने कथित तौर पर निजी तस्वीरों की रिकॉर्डिंग करने और उनके दुरुपयोग की धमकी देने को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 (ई) भी लगायी है। इसके बाद, एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया और ममकूटाथिल को देश छोड़ने से रोकने के लिए एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया। पुलिस ने तमिलनाडु और कर्नाटक में ममकूटाथिल की तलाश तेज कर दी है, क्योंकि उसे संदेह है कि वह राज्य छोड़ चुका है।

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