नई दिल्ली : पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच शांति वार्ता ‘सीमा पार आतंकवाद’ के जटिल मुद्दों से निपटने के लिए किसी समझौते के बिना समाप्त हो गई। शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक दोनों पक्षों में गतिरोध बरकरार रहा।
दो दिन तक चली वार्ता
तीसरे दौर की वार्ता बृहस्पतिवार को शुरू हुई और दो दिनों तक जारी रही, लेकिन इसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए काबुल से लिखित प्रतिबद्धता प्राप्त करने में सफलता नहीं मिली। इन उग्रवादियों पर अफगान धरती का उपयोग करके पाकिस्तान के खिलाफ हमला करने का आरोप है।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जानकारी दी
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार रात एक निजी टीवी चैनल को बताया कि वार्ता स्थगित कर दी गई है और “चौथे दौर की वार्ता का कोई कार्यक्रम नहीं है।' ‘जियो टीवी’ की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, 'पूर्ण गतिरोध है।
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अनिश्चितकाल के लिए वार्ता स्थगित
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाक-अफगान तालिबान के बीच तनाव को कम करने के लिए तुर्किये और कतर के प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, 'वे हमारे रुख का समर्थन करते हैं। यहां तक कि अफगान प्रतिनिधिमंडल भी हमसे सहमत था; हालांकि, वे लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान केवल औपचारिक, लिखित समझौते को ही स्वीकार करेगा।
पाकिस्तान की चेतावनी
ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी कि अगर अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ करते हुए हमें उकसाया गया तो पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करेगा। जब तक कोई आक्रमण नहीं होगा, युद्धविराम बरकरार रहेगा।