आसाराम 
उत्तर प्रदेश

'आसाराम को कोई बीमारी नहीं', पीड़िता के पिता ने कहा- बाहर रहने से जान का खतरा

किया, आसाराम की अंतरिम जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख

शाहजहांपुर : शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से पिछले माह मिली 6 माह की अंतरिम जमानत को रद्द कराने के लिए पीड़िता के पिता ने अब सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।

पीड़िता के पिता ने सोमवार को बताया कि आसाराम को अंतरिम जमानत मिलने के बाद से वे भयभीत हैं और उन्हें धमकियां भी मिल चुकी हैं। उन्होंने दावा किया कि आसाराम किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त नहीं है, बल्कि बीमारी का बहाना बनाकर जमानत ले रहा है और अहमदाबाद स्थित अपने आश्रम में सत्संग कर रहा है। इसके साथ ही वह अपने अनुयायियों को उनके खिलाफ भड़का रहा है।

उन्होंने कहा, हमने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है कि आसाराम की जमानत रद्द की जाए। वह पहले लोगों को गोली मरवा चुका है और अब तो लोगों को जड़ से खत्म कर रहा है। भोलानंद, राहुल सचान और सुरेशानंद इसके उदाहरण हैं, जिनका आज तक कोई पता नहीं चला।

उन्होंने कहा कि आसाराम के जेल में रहने तक उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षित महसूस होता है, लेकिन उसके बाहर होने पर वे लगातार भय के साये में हैं। हालांकि, शाहजहांपुर पुलिस ने उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी हुई है।

शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि पुलिस लगातार पीड़िता के परिवार के संपर्क में है। उनके घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि वहां आने-जाने वालों की पहचान हो सके। साथ ही घर पर एक गार्ड और दो गनर भी तैनात किए गए हैं।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परिवार को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि यदि वे कहीं बाहर जाएं तो स्थानीय पुलिस को सूचित करें और अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था लें। सुरक्षा की समीक्षा भी समय-समय पर की जा रही है।

कथावाचक आसाराम को शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के जुर्म में जोधपुर की एक अदालत ने वर्ष 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पिछले महीने राजस्थान हाई कोर्ट ने उसे 6 माह की अंतरिम जमानत प्रदान की थी।

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