नई दिल्ली/कोलकाताः राज्य में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के मद्देनजर केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज अग्रवाल को संभावित खतरे को देखते हुए सशस्त्र सुरक्षा प्रदान की है।
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 26 दिसंबर को जारी एक आदेश के बाद अग्रवाल को कोलकाता में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की 'वाई-प्लस श्रेणी' की सुरक्षा प्रदान की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि अग्रवाल की निजी और आवास की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ वीआईपी सुरक्षा विंग के 11-12 सशस्त्र कर्मियों की एक टीम तैनात की गई है। टीम ने कमान संभाल ली है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद अधिकारी को संभावित खतरों को लेकर केंद्रीय एजेंसियों से मिली सूचना के चलते सुरक्षा व्यवस्था जरूरी हो गई।
1990 बैच के IAS अधिकारी मनोज अग्रवाल 2026 बंगाल चुनावों का नेतृत्व करेंगे और जुलाई 2026 में सेवानिवृत्त होंगे
सीईओ पर तृणमूल का गंभीर आरोप
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को निर्वाचन आयोग (ईसी) पर 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मदद करने के लिए एसआईआर प्रक्रिया के तहत लाखों वैध मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने का आरोप लगाया और इस संबंध में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने अग्रवाल को एक ज्ञापन भी भेजा।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कई बार मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल को निशाने पर लिया गया है। उन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाये गये हैं।