नई दिल्ली: ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला के पास 3 युद्धपोत तैनात किए हैं। ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को कहा था कि ये तैनाती ड्रग कार्टेल्स (ड्रग्स की तस्करी करने वाले ग्रुप्स) और इससे जुड़ी हिंसा को रोकने के लिए किया जा रहा है।
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि वेनेजुएला की सरकार ड्रग तस्करी को बढ़ावा दे रही है। वहीं, वेनेजुएला ने अमेरिका के इन आरोपों को खारिज किया है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने वॅारशिप तैनाती के खिलाफ 45 लाख सैनिकों को तैनात करने का ऐलान किया है।
हवा और समुद्र में रक्षा करने में माहिर तीनों युद्धपोत
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, यूएसएस ग्रेवली, यूएसएस जेसन डनहम और यूएसएस सैम्पसन नाम के 3 एजिस गाइडेड-मिसाइल डेस्ट्रॉयर युद्धपोत जल्द ही वेनेजुएला के तट पर पहुंचेंगे।
तीनों युद्धपोत हवा, समुद्र, और पनडुब्बी हमलों से रक्षा करने में माहिर है। इनके साथ 4,000 सैनिक, पी-8ए पोसाइडन विमान, और एक पनडुब्बी भी शामिल है। यह अगले कुछ महीनों तक इस इलाके में ड्रग तस्करी के खिलाफ अभियान में शामिल रहेंगे।
मादुरो पर 435 करोड़ रुपये का इनाम
ट्रंप प्रशासन राष्ट्रपति मादुरो को दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्करों में से एक मानता है। अमेरिका ने 8 अगस्त को मादुरो की गिरफ्तारी के लिए इनाम की राशि को दोगुना करके 435 करोड़ रुपये कर दिया। इससे पहले मादुरो पर 217 करोड़ रुपये का इनाम था।
इसके अलावा उनसे जुड़े 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भी जब्त की गई है। इसमें दो प्राइवेट जेट भी शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि मादुरो ड्रग तस्कर हैं और ड्रग कार्टेल के साथ मिलकर अमेरिका में फेंटानाइल मिला कोकीन भेज रहे हैं। मादुरो पर 2020 से न्यूयॉर्क की एक अदालत में नार्को-आतंकवाद और कोकेन तस्करी के आरोप में मामला दर्ज है।
वेनेजुएला के विदेश मंत्री ने ट्रंप को दी धमकी
इस मामले पर वेनेजुएला के विदेश मंत्री यवान गिल का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका का वेनेजुएला पर ड्रग तस्करी का आरोप उसकी विश्वसनीयता की कमी को दिखाता है। हम शांति और संप्रभुता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। अमेरिका की हर धमकी यह साबित करती है कि वह एक स्वतंत्र देश को झुका नहीं सकता।