नई दिल्ली - DMK के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने भाषा विवाद को और तेज कर दिया है। राज्य सरकार ने अपने 2025 के बजट से रुपये के आधिकारिक प्रतीक (₹) को हटाने और उसकी जगह तमिल प्रतीक इस्तेमाल करने का फैसला किया है। गौर करने वाली बात यह है कि तमिलनाडु ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है, जिसने राष्ट्रीय मुद्रा प्रतीक को अस्वीकार किया है। इस कदम के जरिए राज्य सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के विरोध को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है।
DMK सरकार तीन-भाषा फॉर्मूला का भी कर रही है विरोध
तमिलनाडु सरकार ने रुपये के प्रतीक को हटाने का फैसला ऐसे समय में लिया है जब राज्य और केंद्र सरकार के बीच तनाव बढ़ गया है। यह मामला संसद तक पहुंच चुका है। तमिलनाडु सरकार लगातार केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगाती रही है, इसी कारण राज्य ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के कई प्रावधानों को लागू करने से इनकार कर दिया है। इनमें सबसे विवादित मुद्दा तीन-भाषा फॉर्मूला है।