कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस सप्ताह मालदा और मुर्शिदाबाद में रैलियां आयोजित कर निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ अपना रोष जताएंगी और इसके बाद अगले सप्ताह कूचबिहार में एक जनसभा की जाएगी।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सूत्रों के मुताबिक बनर्जी द्वारा एसआईआर के विरोध में यह दूसरे चरण का अभियान होगा। इससे पहले उन्होंने पिछले सप्ताह शरणार्थी बहुल मतुआ क्षेत्र में बनगांव में रैली की थी और रैली के दौरान उन्होंने आरोप लगाया था कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले परिवारों को डराने के लिए एसआईआर अभियान का दुरुपयोग किया जा रहा है।
मालदा की रैली गाजल में
तृणमूल अपने जिलावार अभियान को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘घुसपैठियों का सफाया’ के बयान के जवाब के रूप में पेश कर रही है। तृणमूल नेताओं ने कहा कि मालदा, मुर्शिदाबाद में तीन और चार दिसंबर को जबकि कूचबिहार में नौ दिसंबर को रैलियां आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। राजनीतिक रूप से संवेदनशील इन तीन सीमावर्ती जिलों में अल्पसंख्यक, प्रवासी और विस्थापित आबादी काफी अधिक है तथा एसआईआर से उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं। मालदा की रैली गाजल में तथा मुर्शिदाबाद की रैली बेहरामपुर स्टेडियम में आयोजित की जाएगी।
कूचबिहार की रैली नौ दिसंबर को
कूचबिहार की रैली नौ दिसंबर को ऐतिहासिक रास मेला मैदान में होगी और इसे इस शीत ऋतु में उत्तर भारत में बनर्जी की सबसे बड़ी रैली के रूप में पेश किया जा रहा है। तृणमूल के जिलाध्यक्ष अभिजीत डे भौमिक ने कहा कि एक दिसंबर को ब्लॉक अध्यक्षों के साथ एक बैठक होगी। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर अवैध प्रवासियों को बचाने और राजनीतिक लाभ के लिए मतदाता सूची के संशोधन का विरोध करने का आरोप लगाया है। यहां 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले दोनों पार्टियां एसआईआर मुद्दे का लाभ उठाकर अपनी-अपनी विचारधारा को मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं।
ये भी पढ़ेंः पीएम मोदी का शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष पर तंज- संसद को पराजय की बौखलाहट का मैदान न बनाएं