नई दिल्ली: मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना ने कहा कि सैन्य विद्रोह के बाद उनकी जान को खतरा था और इसलिए वह देश छोड़कर भाग गए। मेडागास्कर के राष्ट्रपति ने देश छोड़ने के बाद सोमवार देर रात किसी अज्ञात स्थान से राष्ट्रीय टेलीविजन पर देशवासियों को संबोधित किया। हालांकि, अपने भाषण में उन्होंने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने की घोषणा नहीं की।
देश में कई हफ्तों से ‘जेन जेड’ के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी हैं, लेकिन उस वक्त स्थिति गंभीर हो गई। जब शनिवार को एक विशिष्ट सैन्य इकाई भी विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो गई और उसने राष्ट्रपति और मंत्रियों से पद छोड़ने की मांग की। देश में ऐसे अराजकता भरे माहौल में राजोइलिना ने कहा था कि हिंद महासागर के इस द्वीप की सत्ता हथियाने का अवैध प्रयास किया जा रहा है।
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‘मुझे अपने लिए सुरक्षित पर भागना पड़ा’
राष्ट्रपति ने देर रात अपने भाषण में कहा कि मुझे अपने जीवन की रक्षा के लिए सुरक्षित स्थान खोजने पर मजबूर होना पड़ा। सैन्य इकाई ‘कैपसैट’ के तख्तापलट के प्रयासों और राजधानी अंतानानारिवो के एक मुख्य चौक पर हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ रैली में शामिल होने के बाद राष्ट्रपति राजोइलिना की यह पहली सार्वजनिक टिप्पणी थी।
क्या फ्रांस भागकर गए मेडागास्कर के राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने इन हालातों से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए बातचीत का आह्वान किया और कहा कि संविधान का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने यह नहीं बताया कि वह मेडागास्कर से कैसे निकले या कहां थे, लेकिन एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन्हें फ्रांस के एक सैन्य विमान से देश से बाहर ले जाया गया। वहीं फ्रांस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
मेडागास्कर फ्रांस का उपनिवेश रहा है और राजोइलिना के पास कथित तौर पर फ्रांसीसी नागरिकता है, जिसे लेकर कुछ देशवासी असंतोष व्यक्त कर चुके हैं। सरकार विरोधी प्रदर्शन 25 सितंबर को पानी और बिजली की लगातार कटौती के विरोध में शुरू हुए थे।