नई दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू होने के बाद से बुधवार को पहली बार लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही सुचारू रूप से संपन्न हुई। इससे पहले दो दिन तक मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित रही।
मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में सभी दलों के नेताओं की बैठक में सहमति बनी कि सदन में सोमवार को वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के विषय पर और मंगलवार तथा बुधवार को चुनाव सुधारों के विषय पर चर्चा होगी। इसके बाद सदन में गतिरोध समाप्त होने के आसार नजर आए।
शून्यकाल की कार्यवाही भी शांति से शुरू हुई
बुधवार को लोकसभा की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ने तीन पूर्व सदस्यों- कालीप्रसाद पांडेय (आठवीं लोकसभा में बिहार के गोपालगंज संसदीय क्षेत्र से सदस्य), रामेश्वर डूडी (13वीं लोकसभा में राजस्थान के बीकानेर से सदस्य) और श्याम सुंदर लाल (छठी लोकसभा में राजस्थान के तत्कालीन बयाना संसदीय क्षेत्र से सदस्य) के निधन की सूचना दी और सभा ने कुछ पल मौन रखकर पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सदन में प्रश्नकाल शुरू हुआ और अश्विनी वैष्णव, प्रह्लाद जोशी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राव इंद्रजीत सिंह समेत केंद्रीय मंत्रियों ने संबंधित पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए। इसके बाद शून्यकाल की कार्यवाही भी शांति से शुरू हुई।
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कल दिन भर के लिए स्थगित हुई थी लोकसभा
गौरतलब है कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत कुछ मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक मंगलवार को दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई थी। वहीं सरकार ने कहा कि वह चुनाव सुधार समेत हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा में गतिरोध की स्थिति बनी रही और सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजकर पांच मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। वे ‘एसआईआर पर चर्चा हो’ के नारे लगा रहे थे।