कोलकाता: दुर्गा पूजा के बीच हुई एक रात की बारिश के कारण महानगर के पूजा पण्डालों में भी पानी घुस गया। केवल पंडालों में ही पानी नहीं घुसा बल्कि पंडालों के बाहरी हिस्से इस कदर क्षतिग्रस्त हुए हैं कि आयोजकों की चिंता बढ़ गई है।
पूजा आयोजकों का कहना है कि उनका खर्च इस कारण बढ़ गया है। उत्तर कोलकाता में सिकदर बागान, काशी बोस लेन, मध्य कोलकाता में चोर बागान, संतोष मित्रा स्क्वायर, मो. अली पार्क तो दक्षिण कोलकाता में सिंघी पार्क, बेहला फ्रेंड्स, ढाकुरिया, जादवपुर समेत विभिन्न पूजा पण्डालों के अंदर पानी घुस गया। बेहला 29 पल्ली के सौरभ घोष ने बताया कि जिन श्रमिकों को हम छोड़ने वाले थे, अब उन्हें और एक से दो दिनों के लिए काम पर रखना होगा।
पंडालों में घुसा पानी
विशेषकर पंडाल के बाहरी हिस्सों का काम फिर करना होगा। बारिश के लिए तो हम तैयार थे, लेकिन इस तरह की अस्वाभाविक बारिश के लिए तैयार नहीं थे। हमारा पंडाल सड़क से 2 से 3 फीट ऊंचा है, ऐसे में पंडाल के अंदर तो पानी नहीं घुसा, लेकिन बाहरी हिस्सा काफी क्षतिग्रस्त हुआ है।
वहीं संतोषपुर लेक पल्लि के प्रमुख आयोजक सोमनाथ दास ने बताया कि पंडाल के सामने बनाए गए कृत्रिम कमल ताल को पूरी तरह बहा ले गई। अब इसे दो दिन में फिर से बनाना होगा। बंगाल स्कूल के चित्रकारों नंदलाल बसु, जामिनी रॉय और अभनिंद्रनाथ टैगोर की कलाकृतियों की प्रतिकृतियां भी नष्ट हो गई हैं।
पंडाल किया गया बंद
उत्तरी कोलकाता के हातीबागान सार्वजनिन पूजा कमिटी ने भी सार्वजनिक दर्शन के लिए पंडाल को एक दिन के लिए बंद कर दिया। सचिव सास्वत बसु ने कहा कि सड़क पर जमा पानी को निकाल लिया गया है, अगर अब भारी बारिश नहीं होती तो अगले एक-दो दिनों में स्थिति संभल जाएगी।
वहीं कॉलेज स्क्वायर दुर्गा पूजा के प्रवक्ता बिकाश मजूमदार ने कहा कि बारिश से पंडाल और इसके अंदरूनी सजावट को व्यापक नुकसान हुआ है। इसी कारण उनका उद्घाटन एक दिन के लिए स्थगित किया गया। काशी बोस लेन पूजा कमिटी के वरिष्ठ सदस्य सोमेन दत्ता ने बताया कि पंडाल की कला और सजावट सुरक्षित है, लेकिन रास्ते में लगे कुछ बांस के ढांचे पानी में तैर रहे हैं।