नई दिल्ली - एक वक्त था जब अमेरिका यूक्रेन की रूस के खिलाफ जंग में हर तरह से मदद कर रहा था। अब वक्त बदल चुका है। अमेरिका में हुए चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने जिसके बाद से हालात कुछ और ही हो गए हैं। ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को बिना चुनाव का तानाशाह बताया है।
ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा कि जेलेस्की नहीं चाहते कि यूक्रेन में वापस चुनाव हो। उन्होंने जेलेंस्की को चुनावों के बिना एक तानाशाह करार दिया। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि बेहतर होगा अगर यूक्रेन जल्दी से चुनाव की ओर आगे बढ़े। डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव के सुझाव को लेकर जेलेंस्की ने कहा कि युद्ध के कारण यूक्रेनी जनता की राय और अप्रूवल रेटिंग सही नहीं हो सकती।
मार्शल लॉ के कारण नहीं कराए जा रहे चुनाव
आपको बता दें कि यूक्रेन में पिछले छह सालों से चुनाव नहीं हुए हैं। इसका मुख्य कारण 2022 में रूस के आक्रमण के बाद से देश में लागू मार्शल लॉ है। यूक्रेनी कानून के अनुसार मार्शल लॉ के दौरान चुनाव कराना निषिद्ध है। मार्शल लॉ के तहत नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाते हैं जिस वजह से चुनावी प्रक्रिया बाधित होती है।
लोगों की सुरक्षा भी है बड़ा कारण
मार्शल लॉ के दौरान चुनाव ना कराने के पीछे और भी कई कारण हैं। नियमित हवाई हमलों के कारण मतदान केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना कठिन है। इसके अलावा युद्ध के कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं जिस वजह से उनके लिए अपने मतदान क्षेत्रों में आकर मतदान देना लगभग असंभव है। इस वक्त यूक्रेन के पास अनुपस्थित मतदान की प्रणाली भी नहीं है जो इन विस्थापित नागरिकों को मतदान का अधिकार प्रदान कर सके।
फिलहाल नहीं कराए जा सकते चुनाव
यूक्रेन में वर्तमान में चुनाव कराना संभव नहीं है। अधिकांश नागरिक और राजनीतिक समूह मानते हैं कि युद्ध और मार्शल लॉ के बीच चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं है। इसी बीच राष्ट्रपति जेलेंस्की ने संकेत दिया है कि युद्ध खत्म होने पर चुनाव कराए जा सकते हैं। इससे पहले चुनाव कराना ना केवल कानूनी बाधाओं का सामना करेगा बल्कि सुरक्षा और प्रशासनिक चुनौतियों के कारण भी संभव नहीं होगा।