नई दिल्लीः अगले महीने होने वाली विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस और आंध्र प्रदेश के एन चंद्रबाबू नायडू सहित भारत के चार मुख्यमंत्री और 100 से अधिक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शामिल होंगे।
यह पांच दिवसीय वार्षिक बैठक 19 से 23 जनवरी, 2026 तक चलेगी और इसमें करीब 130 देशों से लगभग 3,000 वैश्विक नेता शामिल होंगे। इनमें करीब 60 राष्ट्राध्यक्ष भी होंगे। कई केंद्रीय मंत्रियों के भी इस बैठक में शामिल होने की संभावना है।
महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ तेलंगाना के ए रेवंत रेड्डी और मध्य प्रदेश के मोहन यादव भी दावोस पहुंचेंगे।
भारत अपना प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराएगा
इन चार राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों की भी डब्ल्यूईएफ वार्षिक बैठक 2026 में मजबूत मौजूदगी रहने की उम्मीद है। यह बैठक ‘संवाद की भावना’ विषय के तहत आयोजित की जाएगी। बैठक में भाग लेने वाले केंद्रीय मंत्रियों के नामों की घोषणा जल्द किए जाने की संभावना है।
दुनिया भर के प्रभावशाली उद्योगपतियों और कारोबारी नेताओं की इस बैठक में भारत से रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी, टाटा समूह केएन चंद्रशेखरन, बजाज समूह के संजीव बजाज और जुबिलेंट भरतिया समूह के हरि एस भरतिया के शामिल होने की उम्मीद है।
भारत के बड़े उद्यौगिक घराने के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे
दावोस जाने वाले अन्य भारतीय कॉरपोरेट नेताओं में एक्सिस बैंक के अमिताभ चौधरी, गोदरेज इंडस्ट्रीज समूह के नादिर गोदरेज, जेएसडब्ल्यू समूह के सज्जन जिंदल, जेरोधा के निखिल कामथ, भारती समूह के सुनील भारती मित्तल, इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि, इन्फोसिस के सीईओ सलिल एस पारेख, विप्रो के ऋषद प्रेमजी, एस्सार के सीईओ प्रशांत रुइया और पेटीएम के विजय शेखर शर्मा हैं।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया के अलावा कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रमुख भी दावोस जाएंगे, जिनमें गेल के संदीप कुमार गुप्ता, भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सीएस सेट्टी, एनटीपीसी के गुरदीप सिंह और आरईसी के जितेंद्र श्रीवास्तव शामिल हैं। जी-7, जी-20, ब्रिक्स देशों सहित अन्य देशों के नेता और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भी इस बैठक में भाग लेंगे।