बेंगलूरू: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शनिवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी को लेकर दावा किया कि यह राजनीतिक इच्छाशक्ति की वजह से सफल रहा क्योंकि सशस्त्र बलों पर कोई पाबंदी नहीं थी।
सेनाओं ने खुद तय किया था कि उन्हें कितना आगे बढ़ना है। वायुसेना प्रमुख ने यह दावा भी किया कि तीनों सेनाओं के बीच अच्छा तालमेल था एस-400 डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के 5 जेट विमानों को मार गिराया था।
‘हमने खुद तय किया कि कितना आगे बढ़ना है’
एयर चीफ मार्शल सिंह ने यहां हिंदुस्तान उयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के मैनेजमेंट अकादमी ऑडिटोरियम में ‘एअर चीफ मार्शल एल एम कात्रे स्मृति व्याख्यान’ के 16वें संस्करण में कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की वजह से ही ऑपरेशन सिंदूर सफल हो पाया।
उन्होंने कहा कि हमें साफ निर्देश मिले थे और एक्शन को लेकर कोई रोक-टोक नहीं थी। हमने खुद तय किया कि कितना आगे बढ़ना है। हमें पूरी आजादी थी कि कैसे योजना बनाएं और उसे लागू करें। हमने हर अटैक सोच-समझकर किए थे। इस ऑपरेशन के दौरान तीनों सेनाओं के बीच गजब का तालमेल था।
कैसे घुटनों पर आया पाकिस्तान
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गयीथी। इसी के जवाब में भारत ने 7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और गुलम कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को भारतीय सेनाओं तबाह किया गया था। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई की कोशिश हुई लेकिन भारत के एअर डिफेंस की वजह से उसे मुंह की खानी पड़ी।
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आखिरकार बैकफुट पर दिख रहे पाकिस्तान के डीजीएमओ ने सीजफायर की अपील कर दी, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया। इस तरह 10 मई को दोनों ही ओर से संघर्ष विराम का निर्णय हुआ।
गेम चेंजर साबित हुआ एयर डिफेंस सिस्टम एस-400
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर वायुसेना ने हवाई क्षेत्र पर हमला करने का निर्णय लिया। सुकूर एअरबेस पर हमने यूएबी हैंगर और रडार स्थल पर हमला किया। हम अपनी वायुसेना में ऐसे ही दिनों का सपना देखते हुए बड़े हुए हैं कि किसी दिन हमें सरगोधा पर हमले का मौका मिलेगा। संयोग से मुझे अपनी सेवानिवृत्ति से पहले यह मौका मिल गया। हमने उस हवाई क्षेत्र पर हमला किया, जहां हमें एफ-16 विमानों के बारे में बहुत पुख्ता जानकारी मिली थी।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमें उस एडब्ल्यूसी हैंगर में कम से कम एक एडब्ल्यूसी तथा कुछ एफ-16 विमानों के होने का संकेत मिला है, जिनका वहां रखरखाव किया जा रहा है। हमारे पास कम से कम पांच लड़ाकू विमानों के मारे जाने की पुष्ट जानकारी है और एक बड़ा विमान है, जो या तो विमान हो सकता है या फिर एडब्ल्यूसी (एअरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम), जिसे लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया। यह वास्तव में सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है, जो हमने हासिल किया है।