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कोलकाता में भी दीपू चंद्र दास के लिए उग्र प्रदर्शन, पुलिस से झड़प में कई घायल

कोलकाता में बांग्लादेश के उप उच्चायोग की ओर हिंदू संगठन के मार्च करने की कोशिश को जब पुलिसकर्मियों ने रोका तो पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हो गई।

कोलकाताः बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर कथित हमले के विरोध में एक हिंदूवादी संगठन के सैकड़ों समर्थकों ने मंगलवार दोपहर को यहां बांग्लादेश के उप उच्चायोग की ओर मार्च करने की कोशिश की और जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई। कोलकाता के बेकबागन में स्थित बांग्लादेश उप उच्चायोग कार्यालय के करीब पहुंचने की कोशिश में प्रदर्शनकारियों ने कई बैरिकेड तोड़ दिए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

पुलिस के मुताबिक, कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। झड़प में कई प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आईं।

एहतियातन 12 लोग गिरफ्तार

कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश उप उच्चायोग के सामने स्थिति नियंत्रण में है। वहां अवैध रूप से इकट्ठा होने की कोशिश करने वालों को हटा दिया गया है। अब तक इलाके में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों को एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि विदेशी राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और परिसर के घेराव के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए उप उच्चायोग कार्यालय के पास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

‘बंगियो हिंदू जागरण’ के बैनर तले प्रदर्शन

‘हिंदू हुंकार पदयात्रा’ शीर्षक से विरोध मार्च का आयोजन ‘बंगियो हिंदू जागरण’ के बैनर तले किया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कथित हिंसा के खिलाफ नारे लगाते और भगवा झंडे थामे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मार्च में हिस्सा लिया। यह मार्च सियालदह से शुरू हुआ और जब यह बांग्लादेश उप उच्चायोग कार्यालय की ओर बढ़ रहा था, तभी बेकबागन इलाके में पुलिस ने इसे रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने ‘हिंदू हिंदू, भाई भाई’, ‘बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा’ के नारे लगाए।

पुलिस के दोहरा बर्ताव का आरोप

एक प्रदर्शनकारी ने आरोप लगाया, ‘‘यहां की पुलिस ऐसे बर्ताव कर रही है जैसे वह बांग्लादेश में हमारे भाइयों को पीट पीट कर मारने वालों को संरक्षण देना चाहती हो। इस साल की शुरुआत में मुर्शिदाबाद में भीड़ द्वारा हिंदुओं को पीट पीट कर मार डालने के दौरान पुलिस ने ऐसा कोई उत्साह नहीं दिखाया था।’’

बांग्लादेश में 18 दिसंबर को कपड़े की एक फैक्टरी में काम करने वाले 25 वर्षीय दीपू चंद्र दास को मैमनसिंह के बालुका में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला और उसके शव को आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने दास की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की।

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