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इल्तिजा मुफ्ती का फूटा गुस्सा, नीतीश कुमार के खिलाफ कर दी इस थाने में शिकायत

हालांकि, पुलिस की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है या नहीं।

श्रीनगरः पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने महिला चिकित्सक का 'नकाब' हटाने के मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए शुक्रवार को पुलिस में शिकायत दी।

हालांकि, पुलिस की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है या नहीं।

मुफ्ती ने कोठीबाग के थाना प्रभारी को दी गई अपनी शिकायत में कहा, ‘‘ मैं आपका ध्यान एक घृणित घटना की ओर आकर्षित करना चाहती हूं, जिसने मुसलमानों, विशेषकर महिलाओं को अत्यधिक पीड़ा और दुख पहुंचाया है। कुछ दिनों पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सरकारी कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से एक युवा मुस्लिम चिकित्सक का नकाब हटा दिया।’’

उन्होंने कहा कि इस मामले को ‘‘और भी बदतर बनाने वाली बात आसपास के लोगों की असहज प्रतिक्रिया थी, जिसमें उपमुख्यमंत्री भी शामिल थे, जो खिलखिलाकर हंस रहे थे ।’’

जबरन नकाब हटाना क्रूर हमला

पीडीपी नेता ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘जबरन उसका नकाब हटाना न केवल एक मुस्लिम महिला पर क्रूर हमला था, बल्कि हर भारतीय महिला की स्वायत्तता, पहचान और गरिमा पर भी हमला था।’’यह घटना सोमवार को पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय में हुई, जहां आयुष चिकित्सक अपने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के लिए एकत्रित हुए थे। जब महिला चिकित्सक अपना नियुक्ति पत्र लेने आई, तो नीतीश कुमार ने उसका नकाब देखा और पूछा ''यह क्या है?'' और फिर नकाब हटा दिया। विपक्षी दलों का कहना है कि मुख्यमंत्री को इस घटना के लिए बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।

मुख्यमंत्री के कार्य से असामाजिक तत्वों को प्रोत्साहन

मुफ्ती ने कहा कि यह घटना और भी चिंताजनक है क्योंकि यह पूरे ‘‘ भारत में मुसलमानों को जानबूझकर अलग-थलग करने और राजनीतिक और आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिशों के बीच घटी है।’’ शिकायत में कहा गया कि इस 'शर्मनाक' घटना के बाद के दिनों में, 'हमने पूरे भारत में कुछ शरारती तत्वों द्वारा मुस्लिम महिलाओं के नक़ाब हटाए जाने के खौफनाक वीडियो देखे हैं।' पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘शायद मुख्यमंत्री द्वारा इस प्रकार की अभद्र हरकत करने से ऐसे असामाजिक तत्वों को बढ़ावा मिला है, जिससे उन्हें मुस्लिम महिलाओं को अपमानित करने और उन पर हमला करने की छूट मिल गई है।’’

मुफ़्ती ने यह भी कहा कि एक युवा मुस्लिम महिला होने के नाते, वह 'गहरी चिंता' में हैं कि अब तक इस मामले में न तो कोई ठोस कार्रवाई की गई है और न ही (कार्रवाई के जरिये) इसे मिसाल के तौर पर पेश किया गया।

मुफ्ती ने अब्दुल्ला पर कसा तंज

उन्होंने नीतीश का बचाव करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्री और सत्ता में बैठे लोग नीतीश कुमार की अभद्रता को जायज ठहरा रहे हैं। इसके विपरीत, वे इसे बढ़ावा दे रहे हैं और इसका जश्न मना रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि कानून का शासन प्रत्येक भारतीय नागरिक पर समान रूप से और बिना किसी भेदभाव के लागू होना चाहिए।’’

मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर तंज कसते हुए कहा कि यह 'सबसे चिंता का विषय' है कि अब्दुल्ला, जोकि भारत के एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री हैं, ने कुमार के कृत्य के खिलाफ दो दिन तक कोई बयान नहीं दिया, और जब उन्होंने बयान दिया, तो उन्होंने कुमार के 'अश्लील कृत्य' को उचित ठहराया।

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