प्रसेनजीत, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : साल के आखिरी दिन SIR को लेकर सियासी पारा चढ़ने वाला हैं। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग और भाजपा की कथित साठगांठ को लेकर शनिवार को तीखा हमला बोला।
तृणमूल भवन में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने ऐलान किया कि 31 दिसंबर को वे स्वयं दिल्ली जाकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से मुलाकात करेंगे और SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) से जुड़ी “लॉजिकल डिस्क्रिपेंसी” की पूरी सूची सार्वजनिक करने की मांग करेंगे। अभिषेक ने कहा कि यदि चुनाव आयोग के इरादे साफ हैं और पारदर्शिता है, तो यह बैठक लाइव होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि आयोग के पास ऐसी कौन सी जादू की छड़ी है जिसके बलबूते पर उन्होंने इतने सारे लोगों को लिस्ट से हटाया। उनके हिसाब से यह लोकतंत्र पर एक घटिया मजाक है।
31 को देंगे आखिरी अल्टीमेटम
उन्होंने सवाल उठाया कि किस आधार पर करोड़ों मतदाताओं के नामों में असंगति बताई गई और इतनी बड़ी संख्या में नाम हटाए गए। उनका आरोप है कि बिना ठोस सबूत के 1.36 करोड़ लोगों के नामों में “लॉजिकल डिस्क्रिपेंसी” होने का दावा किया गया। अभिषेक ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि 31 दिसंबर तक यह सूची जारी नहीं की गई, तो हम उन्हें एक आखिरी अल्टीमेटम देंगे, उसके बाद तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग के कार्यालय का घेराव करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सूची जारी नहीं होने की स्थिति में चुनाव आयोग को बंगाल के लोगों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी।
जीवित लोगों को मृत बताया
अभिषेक बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में 97 ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां जीवित और स्वस्थ लोगों को मृत घोषित कर दिया गया जिनमें टीएमसी के एक कार्यकर्ता भी शामिल है। उन्होंने सवाल किया कि इसके लिए चुनाव आयोग के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज होनी चाहिए। रोहिंग्या और बांग्लादेशी मतदाताओं के मुद्दे पर भी उन्होंने आयोग से स्पष्ट सूची जारी करने की मांग की।
SIR के आंकड़ों की तुलना करते हुए अभिषेक ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में बंगाल में नाम हटाने का प्रतिशत सबसे कम है। उनके अनुसार, बंगाल में 10.5 करोड़ आबादी में से 5.79 प्रतिशत नाम हटे हैं, जबकि तमिलनाडु, गुजरात, छत्तीसगढ़ और केरल जैसे राज्यों में यह प्रतिशत कहीं अधिक है। इसके बावजूद बंगाल को निशाना बनाया जा रहा है। कहने की जरूरत नहीं कि इस वक़्त सब की निगाहें दिल्ली पर टिकी हुई हैं।