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बाढ़ में बाल-बाल बचा हाथी शावक

मुख्यमंत्री ममता ने रखा नाम - 'लकी'

प्रसेनजीत, सन्मार्ग संवाददाता

दार्जिलिंग : कार्शियांग से जलदापारा वन विभाग द्वारा सुरक्षित रूप से बचाए गए हाथी के शावक को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'लकी' नाम दिया है। यह शावक लगभग 14 दिन का मादा हाथी है, जो 5 अक्टूबर को मेची नदी में बाढ़ के दौरान अपने मां के समूह से अलग होकर बह गया था।

स्थानीय लोगों और भारत-नेपाल प्रशासन की संयुक्त कोशिशों से शावक को मणिराम क्षेत्र से जीवित सुरक्षित निकाला गया। प्रारंभ में कार्शियांग वन विभाग ने इसे मां हाथी के पास लौटाने का प्रयास किया, लेकिन मानव संपर्क के कारण शावक उसके पास नहीं गया। उसके बाद उसे विशेष देखभाल के लिए 8 अक्टूबर को जलदापारा वाइल्डलाइफ सेंटर में स्थानांतरित किया गया।

वर्तमान में शावक हलंग सेंट्रल पिलखाने में है, जहाँ अनुभवी महुत और वन विभाग के पशु चिकित्सक उसकी रोज़ाना देखभाल और स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नामकरण करते हुए कहा, सौभाग्य से बच्चा बाढ़ से बच गया, इस लिए इस का नाम ‘लकी’ रखा गया है। शावक अब सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में बढ़ रहा है, और यह जलदापारा वन विभाग के कर्मचारियों के लिए खुशी का कारण बन गया है।

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