साइबर ठगी का प्रतीक फोटो  
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300 करोड़ का साइबर ठगी: एक उद्योगपति हैं पुलिस के रडार पर!

कई साइबर अपराधों की जांच के दौरान राज्य पुलिस के साइबर जासूसों को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं

दीपक,सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : 300 करोड़ रुपये के साइबर ठगी मामले में एक उद्योगपति भी पुलिस के रडार पर हैं। राज्य पुलिस का आरोप है कि राज्य और देश भर में एक हजार से अधिक लोगों के साथ फर्जी निवेश ऐप सहित कई तरीकों से साइबर धोखाधड़ी की गई है। पुलिस को यह भी आरोप प्राप्त हुए हैं कि साइबर धोखाधड़ी के रुपये का एक हिस्सा शहर के एक उद्योगपति, उनकी कंपनी और परिवार के सदस्यों के बैंक खातों के माध्यम से स्थानांतरित किया गया था।

उद्योगपति के परिवार के कुछ सदस्यों से पूछताछ

इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है और पुलिस सामने आई जानकारी की पुष्टि कर रही है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच अधिकारी जांच के सिलसिले में शहर में उद्योगपति के घर भी गए थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उद्योगपति के परिवार के कुछ सदस्यों और उनकी कंपनी के कुछ अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया कि राज्य में कई साइबर अपराधों की जांच के दौरान राज्य पुलिस के साइबर जासूसों को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। जासूसों को पता चला है कि निवेश के नाम पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके, कभी डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर लोगों को गिरफ्तार करने की धमकी देकर, तो कभी अन्य तरीकों से साइबर ठगी की जा रही थी।

एक हजार से अधिक लोग बने ठगी के शिकार

इस राज्य और देश के विभिन्न हिस्सों में एक हजार से अधिक लोग साइबर जालसाजों के जाल में फंस चुके हैं। साइबर ठगी के सैकड़ों करोड़ रुपये विभिन्न कंपनियों के खातों में घुमाए-फिराए गए हैं। आरोप है कि जालसाज पहले कुछ खातों में भारी मात्रा में रुपये भेजते थे और बहुत कम समय में उन खातों से पैसा अन्य खातों में पहुंचा दिया जाता था। बताया गया है कि ये खाते फर्जी कंपनियों के नाम पर बनाए गए थे। जासूसी पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि इस साइबर धोखाधड़ी का एक हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से विदेशों में भेजा गया है। पुलिस का दावा है कि जांच के दौरान उन्हें एक निजी कंपनी का ठिकाना मिला है। उस कंपनी और उसकी कुछ शाखाओं के नाम पर 11 बैंक खाते मिले हैं, जिनमें भारी मात्रा में रुपयेे का लेन-देन हुआ है।

बड़ाबाजार की 73 कंपनियों के जरिए ठगी की रकम की हुई लेनदेन

पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि केवल इन 11 बैंक खातों से ही लगभग 97 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया। आरोप है कि उद्योगपति और उनके परिवार के सदस्यों के खातों के माध्यम से कम से कम 23 साइबर ठगी के मामलों से संबंधित रकम ट्रांसफर की गई थी। हालांकि खुफिया अधिकारी इस जानकारी की पुष्टि कर रहे हैं।

73 कंपनियों का पता कोलकाता के बड़ाबाजार इलाके में

पुलिस ने बताया कि शुरुआत में साइबर अपराध से जुड़ी धनराशि को इधर-उधर करने के मामले में 147 कंपनियों के नाम सामने आए थे। इनमें से 73 कंपनियों का पता कोलकाता के बड़ाबाजार इलाके में पाया गया, जबकि बाकी के कार्यालय शहर के अन्य हिस्सों में स्थित बताए गए हैं। जासूसों ने इन पतों पर छापे मारे, लेकिन रिकॉर्ड में जिन कार्यालयों और बैंक खातों के नाम थे, वे वास्तविक रूप से अस्तित्व में नहीं पाए गए। जासूसों का कहना है कि अब तक 300 करोड़ रुपये के साइबर धोखाधड़ी मामले में देश भर में लगभग 1,400 कंपनियों और फर्जी कंपनियों की पहचान की गई है। पुलिस इन कंपनियों के नामों और ठिकानों की तलाश कर रही है।

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