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सोनिया गांधी को कोर्ट का नोटिस, मतदाता सूची में नाम जोड़ने में 'जालसाजी' के आरोप

न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी के लिए सूचीबद्ध की।

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और पुलिस से मतदाता सूची में जालसाजी से नाम शामिल किए जाने के आरोपों वाली याचिका पर जवाब मांगा।

याचिका में मजिस्ट्रेट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें इस आरोप की जांच से इनकार कर दिया गया था कि 1983 में भारतीय नागरिकता हासिल करने से तीन साल पहले ही सोनिया गांधी का नाम मतदाता सूची में था।

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने मजिस्ट्रेट अदालत के 11 सितंबर के आदेश के खिलाफ एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। मजिस्ट्रेट अदालत ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि शिकायत के आरोप ‘‘अपर्याप्त तथ्य वाले और इस मंच के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।’’

‘‘जालसाजी और धोखाधड़ी’’ का दावा

सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए, न्यायाधीश गोगने ने मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी के लिए सूचीबद्ध की। यह पुनरीक्षण याचिका राउज एवेन्यू अदालत के ‘सेंट्रल दिल्ली कोर्ट बार एसोसिएशन’ के उपाध्यक्ष एवं अधिवक्ता विकास त्रिपाठी द्वारा दायर की गई थी। त्रिपाठी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग ने मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष आरोप लगाया था कि जनवरी 1980 में गांधी का नाम नयी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता के रूप में जोड़ा गया था, जबकि वह भारतीय नागरिक नहीं थीं। उन्होंने ‘‘जालसाजी और धोखाधड़ी’’ का दावा किया था।

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