नई दिल्ली - आज संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया। जब केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को सदन में प्रस्तुत किया, तो इस दौरान काफी हंगामा हुआ। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया। चर्चा की शुरुआत में रिजिजू ने यूपीए सरकार पर तीखा हमला किया और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद को बचाया, नहीं तो कांग्रेस इसे भी वक्फ की संपत्ति घोषित कर देती।
क्या कहा रिजिजू ने ?
जब इस बिल को रिजिजू ने पेश किया तो इस दौरान रिजिजू ने कहा, '...किसी की बात कोई बुरा-गम न समझेगा। जमीन का दर्द कभी आसमान नहीं समझेगा.... मुझे न सिर्फ उम्मीद है, बल्कि मुझे पूरा भरोसा है कि इस विधेयक का विरोध करने वालों के दिलों में भी बदलाव आएगा। हर कोई सकारात्मक सोच के साथ इस विधेयक का समर्थन करेगा।'
सोच समझकर पेश किया गया है विधेयक
केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस विधेयक का उद्देश्य किसी धार्मिक प्रथा या मस्जिद के प्रबंधन में हस्तक्षेप करना नहीं है। उन्होंने विपक्ष के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि यह बिल देश और खासकर गरीब मुस्लिमों के हित में लाया गया है। रिजिजू ने यह भी साफ किया कि सरकार ने इस बिल को बिना तैयारी या जल्दबाजी में नहीं पेश किया, बल्कि इस पर गहन विचार-विमर्श और व्यापक तैयारी के बाद इसे संसद में लाया गया है।
रिजिजू ने कांग्रेस पर साधा निशाना
वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछली सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि 2013 में यूपीए सरकार ने वक्फ बोर्ड को ऐसा अधिकार दिया था, जिसके तहत वक्फ बोर्ड के आदेश को किसी सिविल अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती थी।
रिजिजू ने कहा कि अगर यूपीए सरकार सत्ता में होती, तो संसद भवन, एयरपोर्ट और कई अन्य इमारतों को वक्फ संपत्ति घोषित किया जा सकता था, क्योंकि इन पर भी दावा किया जा रहा था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विधेयक का उद्देश्य धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करना नहीं है, बल्कि यह केवल संपत्ति के प्रबंधन से जुड़ा है। इसके साथ ही, उन्होंने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।