पालघर : महाराष्ट्र में पालघर जिले के एक सरकारी आवासीय स्कूल से लापता हुई आठ वर्षीय आदिवासी बच्ची एक ग्रामीण के घर सुरक्षित मिली और उसे उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। बच्ची की मां ने उसे वाडा तालुका के परली स्थित आश्रम (आवासीय) विद्यालय में छोड़ा था। उसका भाई भी इसी स्कूल में पढ़ता है।
स्कूल ने दी जानकारी
स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने छह नवंबर की अपराह्न पुलिस को छात्रा के परिसर से लापता होने की सूचना दी। वाडा थाने के निरीक्षक दत्तात्रेय किंद्रे के अनुसार बच्ची 'स्कूल में रहने बजाय घर वापस जाना चाहती थी।' स्कूल कर्मियों ने उसे समझाने की कोशिश की इसके बावजूद बच्ची चुपचाप वहां से चली गई।
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जंगली जानवरों के हमले का था डर
स्कूल को चारों ओर से घने जंगलों, जंगली जानवरों और सुनसान इलाकों से घिरे होने के कारण अधिकारियों को बच्ची की सुरक्षा को लेकर डर था। अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने आसपास के इलाकों में छानबीन शुरू की। इसी के साथ स्थानीय लोगों से पूछताछ की और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। सीसीटीवी कैमरे की एक फुटेज में देखा गया कि बच्ची परली से वाडा की ओर जाने वाली सड़क पर अकेले जा रही है।
पुलिस ने बताया कि मामले में सफलता तब मिली जब वहां से गुजरते एक वाहन के कैमरे ने बच्ची को सुदूर गांव मांडवा बोचलपाड़ा की ओर जाते हुए रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद पुलिस ने स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर उसे ढूंढा और बच्ची इस गांव में एक महिला के घर पर मिली। अधिकारी ने बताया कि उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा और अब उसे उसके परिवार को सौंप दिया गया है।