विशाखापत्तनमः बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने स्वीकार किया कि निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के मामले में उनका आकलन सही नहीं होता है। उन्होंने यह बात दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यहां खेले गए तीसरे वनडे के दौरान सीनियर खिलाड़ी रोहित शर्मा के साथ डीआरएस को लेकर मजाकिया बातचीत के संदर्भ में कही जिसकी काफी चर्चा हो रही थी।
पहली स्लिप में क्षेत्ररक्षण करते हुए रोहित ने कुलदीप को अपील करने और कप्तान केएल राहुल पर डीआरएस लेने का दबाव बनाने से रोकने के लिए कम से कम तीन बार हस्तक्षेप किया और इस दौरान वह मुस्कुरा रहे थे।
मुझे हमेशा बल्लेबाज आउट लगता है
कुलदीप ने बीसीसीआई के वीडियो में कहा, ‘‘साफ जाहिर है कि डीआरएस लेने के मामले में मेरा आकलन सही नहीं रहता। मुझे लगता है कि एक डीआरएस मेरे लिए आरक्षित रहता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक गेंदबाज होने के कारण आपको हमेशा यह लगता है कि यह आपका विकेट है, यह आउट है। लेकिन रोहित भाई, केएल भाई, वे विकेट के पीछे खड़े होते हैं इसलिए उन्हें बेहतर अंदाजा होता है कि गेंद स्टंप्स को छोड़कर जा रही है या नहीं। गेंद की ऊंचाई और प्रभाव के बारे में उन्हें बेहतर जानकारी होती है।’’ कुलदीप ने कहा, ‘‘लेकिन मैं हमेशा यही सोचता हूं कि बल्लेबाज आउट हो गया है।’’
डीआरएस के लिए बुद्धिमानी जरूरी
कुलदीप ने इस मैच में चार विकेट लिए, जिससे भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 270 रन पर आउट करने के बाद आसानी से लक्ष्य हासिल कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘केवल दो डीआरएस होते हैं, इसलिए आपको सही मार्गदर्शन के लिए ऐसे लोगों की जरूरत होती है, अन्यथा आप डीआरएस को बर्बाद कर सकते हैं। इसलिए मुझे यह बताने के लिए उन्हें भी श्रेय देना चाहिए कि डीआरएस का बुद्धिमानी से उपयोग किया जाए और हम यह नहीं सोचें कि हमने उन्हें बर्बाद कर दिया है।’’
कुलदीप ने कहा, ‘‘रोहित भाई हमेशा वहां मौजूद रहते हैं। वह मुझसे पूछते हैं कि मैं इस लाइन के बारे में क्या सोचता हूं। जहां तक गेंद की ऊंचाई का सवाल है तो मैं उसका अंदाजा लगा सकता हूं लेकिन गेंद की लाइन और उसके प्रभाव को लेकर फैसला बड़ा महत्वपूर्ण होता है।’’
ये भी पढ़ेंः बांगड़ा क्यों बोले कि रोहित-कोहली के वनडे टीम में जगह को लेकर कभी भी बहस नहीं होनी चाहिए?