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चैटबॉट AI से लोग संतुष्ट

एक शोध में यह बात सामने आई है कि चैटबॉट में मानवीय एआई डिजाइन का संतुलित स्तर ग्राहकों के विश्वास और सुविधा को बढ़ाता है।

नई दिल्ली: चैटबॉट में मानवीय भावना युक्त कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) डिजाइन का संतुलित स्तर ग्राहक की सुविधा और विश्वास को बढ़ाता है, जबकि इसमें अत्यधिक मानवीय समानता असुविधा का कारण बन सकती है। ‘गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ (जीआईएम) के एक नए शोध में यह बात सामने आई है। शोध में एआई सक्षम ‘सर्विस एजेंट’ जैसे चैटबॉट, डिजिटल असिस्टेंट और सर्विस रोबोट, के प्रति ग्राहकों के व्यवहार का अध्ययन किया गया है।

केरल के शोधकर्ता भी हुए शामिल

कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीयूएसएटी), केरल के शोधकर्ताओं के सहयोग से किए गए इस शोध के निष्कर्ष ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कंज्यूमर स्टडीज’ में प्रकाशित किए गए हैं। अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना है कि ‘‘उपभोक्ता आम तौर पर इस सेवा का उपयोग करते समय एआई को कैसे समझते हैं और उसके साथ कैसे संवाद स्थापित करते हैं।’’ इसके लिए, शोध दल ने उपभोक्ता और एआई संवाद को आकार देने वाले प्रमुख कारकों, सिद्धांतों और परिणामों की पहचान करने के लिए इससे जुड़े 157 लेखों से निष्कर्षों को समेकित किया।

बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों की समीक्षा

शोध दल ने 44 शीर्ष-स्तरीय पत्रिकाओं तथा आतिथ्य, खुदरा, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों की समीक्षा की ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह समझा जा सके कि विभिन्न संदर्भों और संस्कृतियों में एआई अपनाने के तौर-तरीके कैसे भिन्न होते हैं। जीआईएम के सहायक प्रोफेसर मनु सी. ने बताया, ‘‘हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि जब एआई एजेंट को मानवीय भावना, क्षमता और सहानुभूति के सही संतुलन के साथ डिजाइन किया जाता है, तो वे उपभोक्ताओं के विश्वास और जुड़ाव को मजबूत बना सकते हैं।’’ प्रमुख निष्कर्षों के आधार पर, अध्ययन एआई और उपभोक्ता व्यवहार में भविष्य के अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए एक विस्तृत रूपरेखा तैयार करता है।

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