कोलकाता : नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कोलकाता नगर निगम (केएमसी) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि निगम द्वारा अवैध जन्म प्रमाणपत्रों का वितरण किया जा रहा है। अधिकारी के अनुसार, ये प्रमाणपत्र वास्तविक नागरिकों के बजाय उन संदिग्ध व्यक्तियों को दिए जा रहे हैं जिनके नाम विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची से हटाए जाने की आशंका है। मंत्री ने इसे मतदाता सूची में हेरफेर और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास बताया है।
शुभेंदु अधिकारी ने अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर लिखा कि केएमसी द्वारा जारी किए जा रहे जन्म प्रमाणपत्र राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र नागरिकता का वैध दस्तावेज है और इसे किसी भी राजनीतिक इंजीनियरिंग के साधन के रूप में नहीं देखा जा सकता।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
शुभेंदु ने स्पष्ट कहा कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत कानूनी मानदंडों को दरकिनार करने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया और पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने जानकारी दी कि उन्होंने केएमसी के स्वास्थ्य विभाग में एक आरटीआई आवेदन दायर कर पिछले 30 दिनों में जारी किए गए जन्म प्रमाणपत्रों के विस्तृत आंकड़े मांगे हैं।
गौरतलब है कि SIR को लेकर चल रहे विवाद के बीच शुभेंदु अधिकारी के आरोप ने हड़कंप मचा दिया है। एक तरफ जहाँ पूरे देश में महागठबंधन SIR के खिलाफ एकजुट हैं वहीं भाजपा व NDA के घटक दल SIR को देश के संप्रभुता के लिए आवश्यक बताने पर अड़े हुए हैं। चुनाव आयोग भी SIR को लेकर प्रतिबद्ध है और विपक्ष के आरोपों का खंडन करता रहा है है। ऐसे में जन्म प्रमाणपत्र में धांधली के आरोप से महागठबंधन के हौसले को पूरी तरह से तोड़ने का कार्य किया है शुभेंदु अधिकारी ने।
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