कोलकाता : महानायक उत्तम कुमार से लेकर कवि सुभाष तक मेट्रो विस्तार के लिए विस्थापित हुए 1400 से अधिक लोगों के लिए SIR एक नयी ‘मुसीबत’ बन गयी है। कारण है कि इनके नाम 2002 की वोटर लिस्ट में नहीं हैं। टाली नाला इलाके से हटाये जाने पर चार साल के संघर्ष के बाद तत्कालीन राज्य सरकार ने साल 2005 और उसके बाद के वर्षों में इन विस्थापितों को वैष्णवघाटा और आनंदपुर इलाके में वाल्मीकि अम्बेडकर आवास योजना के तहत स्थायी फ्लैट और वोटर कार्ड दिये।
पिछले 20 वर्षों से ये परिवार जादवपुर विधानसभा के नियमित मतदाता हैं मगर 20 साल बाद उन्हें एक बार फिर अपना अस्तित्व प्रमाणित करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। अंबेडकर कॉलोनी के निवासियों ने कहा कि विस्थापन और नये ठिकाने की जद्दोजहद के कारण इन परिवारों के नाम 2002 की मतदाता सूची में दर्ज नहीं हो पाया। उस समय उनके मूल इलाके को ‘वैकेंट लैंड’ घोषित कर दिया गया था। यही चूक अब उनके लिए मुसीबत बन गयी है। मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया के बीच 2002 की सूची में नाम नहीं होने के कारण SIR की आशंका ने इन 1400 लोगों की नींद उड़ा दी है।