कोलकाता : हाई कोर्ट की जस्टिस शुभ्रा घोष ने पैराटीचरों को शर्तों के साथ धरना दिए जाने की अनुमति दी है। पुलिस ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था। इसके बाद उनकी तरफ से हाई कोर्ट में रिट दायर की गई थी। मामले की सुनवायी के बाद जस्टिस घोष ने शुक्रवार को यह आदेश दिया। पैराटीचर वेतन वद्धि की मांग कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर वे सेंट्रल पार्क के निकट फुटपाथ पर 17 से 26 नवंबर तक धरना देंगे।
जस्टिस घोष ने अनुमति देते हुए आदेश दिया है कि माइक्रोफोन का इस्तेमाल करते समय वेस्ट बंगाल साउंड कंट्रोल रूल्स की धाराओं का अनुपालन किया जाए। धरना सुबह ग्यारह बजे से शाम चार बजे तक दे सकते हैं। धरना में अधिकतम पांच सौ लोग शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही धरना के बाबत पुलिस की गाइड लाइन पर अमल करना पड़ेगा।
धरना देने वाले आंदोलनकारी सड़क जाम नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा आंदोलनकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं और किसी भी सरकारी अधिकारी के साथ अशालीन आचरण या मारपीट नहीं की जा सकती है। भाषण के दौरान नेता उकसावे वाली बात नहीं कह सकते हैं।
इसके अलावा पुलिस को पांच वालंटियरों का नाम और मोबाइल नंबर देना पड़ेगा। आंदोलन कर रहे पैरा टीचरों का दावा है कि 2018 के बाद से उनके वेतन में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। पूरे राज्य में करीब 15 हजार पैरा टीचर हैं। विकास भवन जाने पर कहा जाता है कि फाइल नवान्न भेज दी गई है। इसी मुद्दे पर वे आंदोलन कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें :- बिहार में जीत से बंगाल भाजपा में जश्न का माहौल