कोलकाता सिटी

कोलकाता एयरपोर्ट में मच्छरों ने काटा तो यात्री ने कहा बस स्टैंड से भी गया गुजरा

हर साल सर्दियों में CCU एयरपोर्ट को मच्छरों की समस्या का सामना करना पड़ता है, लेकिन आमतौर पर यह समस्या टर्मैक एरिया, शटल बसों और रिमोट बे में पार्क किए गए विमानों तक सीमित रहती है। इस साल अंतरराष्ट्रीय विंग के पास चल रहे टर्मिनल विस्तार कार्य के कारण मच्छरों का प्रवेश बढ़ गया है।

कोलकाता : कोलकाता एयरपोर्ट के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों विंग के सिक्योरिटी होल्ड एरिया (SHA) में इस समय एक अनोखी समस्या पैदा हो गई है। यहां मच्छरों का बढ़ता प्रकोप यात्रियों को परेशान कर रहा है और एयरपोर्ट की सुरक्षा और प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े कर रहा है। बुधवार को कतर एयरवेज की दोहा जाने वाली उड़ान का इंतजार कर रहे सुमित सेनगुप्ता को अंतरराष्ट्रीय SHA के अंदर मच्छर ने काट लिया। उन्होंने कहा, “ये उम्मीद ही नहीं थी कि एयरपोर्ट टर्मिनल में भी मच्छर काट सकता है।” एक अन्य यात्री, विनीत अरोड़ा, ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने X पर लिखा, “बिजनेस क्लास लाउंज में बैठा हूं… करीब 45 मिनट में 5 मच्छर काट चुके है।

यात्रियों ने यह कहा

फ्रीक्वेंट फ्लायर सुमन अग्रवाल ने ग्राउंड-फ्लोर SHA में अपनी उड़ान के लिए शटल बस का इंतजार करते हुए कहा, “कोलकाता एयरपोर्ट के गेट 104 पर बेहद खराब अनुभव रहा। जितना गंदा हो सकता था उतना गंदा और मच्छरों से भरा हुआ। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से ज्यादा किसी बदहाल बस स्टैंड जैसा लग रहा था।” आलोचना के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन ने देर रात के शांत घंटों में फॉगिंग बढ़ाने, घास की कटाई और तालाबों में लार्विसाइड के छिड़काव जैसे कदम उठाए हैं।

एयरपोर्ट पानी के स्रोतों में गुप्पी मछलियां भी छोड़ता है ताकि मच्छरों के लार्वा पर नियंत्रण रखा जा सके। हर साल सर्दियों में एयरपोर्ट को मच्छरों की समस्या का सामना करना पड़ता है, लेकिन आमतौर पर यह समस्या टर्मैक एरिया, शटल बसों और रिमोट बे में पार्क किए गए विमानों तक सीमित रहती है। इस साल अंतरराष्ट्रीय विंग के पास चल रहे टर्मिनल विस्तार कार्य के कारण मच्छरों का प्रवेश बढ़ गया है।

इन उपायों से मिल सकता है निजात

विशेषज्ञों का कहना है कि एयरपोर्ट को प्रस्थान द्वारों पर मजबूत एयर कर्टेन लगाने चाहिए, ताकि एयरोब्रिज और शटल बस बोर्डिंग क्षेत्रों से मच्छर टर्मिनल के अंदर न आ सकें। कोलकाता से उड़ान भरने वाले विमानों में केबिन क्रू अक्सर दरवाजे बंद होने के बाद टेकऑफ से पहले रिपेलेंट का छिड़काव करते हैं। एयरफील्ड एनवायरनमेंट मैनेजमेंट कमेटी की बैठकों में भी कई बार यह मुद्दा उठ चुका है। एयरपोर्ट प्रबंधन ने आसपास की नगरपालिकाओं से कचरा प्रबंधन सुधारने और वेक्टर कंट्रोल मजबूत करने की अपील की है।

एयरपोर्ट प्रबंधन ने यह कहा

एयरपोर्ट डायरेक्टर विक्रम सिंह ने कहा, “इस मौसम में मच्छर हमारे लिए बड़ी चुनौती बन जाते हैं। फिर भी हम टर्मिनल में स्वच्छता बनाए रखने और मच्छरों को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।” एयरलाइंस भी अब उड़ानों में केबिन लाइट कम कर रही हैं, नॉन-इन्फ्लेमेबल मच्छर रिपेलेंट का इस्तेमाल कर रही हैं और मच्छर पैच भी लगा रही हैं ताकि यात्रियों को राहत मिल सके।

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