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सुमात्रा द्वीप पर मची तबाही, अब तक 248 की मौत

इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 248 हुई: अधिकारी

नई दिल्ली: इंडोनेशिया में भूकंप और सुनामी के कारण मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 248 हो गई है तथा अधिकारियों को मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। भूकंप और सुनामी के कारण तबाह हुए इंडोनेशिया के कई क्षेत्रों में प्रभावित लोगों तक पहुंचने के लिए देश के बचावकर्मियों को शनिवार को संघर्ष करना पड़ा।

सड़कें खराब होने और संचार बाधित होने से इन इलाकों से संपर्क कट गया है और राहत एवं बचाव विमान उत्तरी सुमात्रा प्रांत के मध्य तपनौली जिले एवं इलाके के अन्य जिलों में मदद और आपूर्ति पहुंचा रहे हैं।

मंगलवार को उत्तरी सुमात्रा प्रांत में मानसूनी बारिश के कारण नदियाँ उफान पर आ गईं, जिससे पर्वतीय गाँवों में पानी भर गया, लोग बह गए, और 3,200 से अधिक घर व इमारतें जलमग्न हो गईं। लगभग 3,000 विस्थापित परिवारों को सरकारी आश्रयों में शरण लेनी पड़ी है।

राष्ट्रीय आपदा शमन एजेंसी (BNPB) के प्रमुख सुहार्यंतो ने बताया कि खोज और बचाव के प्रयासों में कीचड़, बिजली गुल होने और दूरसंचार की कमी से बाधा आ रही है। सुहार्यंतो ने एक वर्चुअल समाचार सम्मेलन में बताया कि हवाई निरीक्षण के दौरान तबाही का पैमाना स्पष्ट था, जिसमें हरे-भरे जंगलों और सीढ़ीदार पहाड़ियों के बड़े हिस्से कट गए थे और कीचड़ की धाराएँ घाटियों में बह रही थीं।

इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी के अचादी सुबर्काह राहार्डजो ने चेतावनी दी है कि जब तक चक्रवात प्रणाली सक्रिय रहती है, तब तक अस्थिर वायुमंडलीय स्थितियाँ और चरम मौसम बना रह सकता है। राष्ट्रपति प्रबोवो ने इस आपदा को जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षरण जैसी वैश्विक चुनौतियों का परिणाम बताया और स्कूलों के पाठ्यक्रम में पर्यावरण जागरूकता को मजबूत करने का सुझाव दिया।

राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने राहत कार्यों के हिस्से के रूप में बचाव कर्मियों, भोजन, दवाएँ और अन्य राहत सामग्री लेकर तीन विमान - जिनमें एक हरक्यूलिस C-130 और एक एयरबस A-400 शामिल है - तैनात किए।

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