नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर उत्तराखंड के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर के रूप में उभरे हैं। इसका प्रमुख उदाहरण केदारनाथ धाम है, जहां उनकी सक्रिय भागीदारी के चलते श्रद्धालुओं की संख्या ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। प्रधानमंत्री ने 28 जनवरी को राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान ही शीतकालीन यात्रा में शामिल होने की इच्छा जताई थी। उनका उत्तराखंड से गहरा जुड़ाव है, यही वजह है कि कार्यक्रम में बदलाव के बावजूद वे मुखवा-हर्षिल पहुंच गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने की पूजा अर्चना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्र पहुंचे। वह चारधाम शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अपने एक दिवसीय दौरे पर यहा आए। इस दौरान उन्होंने मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल, मुखबा में पूजा अर्चना की और हर्षिल में एक जनसभा को संबोधित किया।अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने पर जोर दिया और देशभर के लोगों से सर्दियों के मौसम में उत्तराखंड आने की अपील की।
संबोधन की प्रमुख बातें क्या रही -
पीएम मोदी ने गढ़वाली भाषा में अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा- म्यारा प्यारा भाई भेणी, मेरी सयवा सोंदी। कहा कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा यहां आप सब अपने परिवारजनों से मिलकर मैं धन्य हो गया।
अपने टूरिज्म सेक्टर को बाराहमासी बना बहुत जरूरी है। अब कोई सीजन आफ सीजन नहीं होगा।आन सीजन होगा।
सर्दियों में होटल होमस्टे खाली पड़े रहते हैं, इससे आर्थिक असंतुलन हो जाता है। अगर शीत काल के समय आएं तो उत्तराखंड की सही अनुभूति होती है।
365 दिन के पर्यटन से लोगों को उत्तराखंड की दिव्य अनुभूति का अनुभव होगा।
उत्तराखंड के बार्डर के गांव के पर्यटन का विकास होगा। इन गांवों के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की गई है। होम स्टे बनाने वालों को मुद्रा लोन दिया जा रहा है।
देवभूमि से पूरे देश के लोगों युवाओं से आग्रह करता हूं कि जब देश भर कोहरा लगा रहता है तब उत्तराखंड के पहाड़ों में चटक धूप होती है। यह घाम तापो पर्यटन होगा।
पीएम मोदी ने कहा- फिल्म इंडस्ट्री के लिए उत्तराखंड पूरे भारत की फेवरेट डेफिनेशन बन सकता है।
उत्तराखंड के टूरिज्म सेक्टर से जुड़े सभी स्टेट होल्डर होटल और रिसॉर्ट उन देशों का अध्ययन जरूर करें। जो इस क्षेत्र विशेष कार्य कर रहे हैं।
साधु-संतों से भी आग्रह करुंगा कि एक योग शिविर अपने शिष्यों का विंटर में उत्तराखंड में लगाएं।