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ऑपरेशन सागर बंधु: श्रीलंका में राहत अभियान के बाद NDRF टीम स्वदेश रवाना

बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सफल अभियान के बाद भारतीय बचाव दल लौटा

कोलंबो : चक्रवात ‘दित्वा’ से प्रभावित श्रीलंका में खोज, बचाव और राहत अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद भारत के राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम शुक्रवार को स्वदेश रवाना हो गयीं। भारतीय उच्चायोग ने यह जानकारी दी। श्रीलंका चक्रवात दित्वा के कारण व्यापक बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे के ध्वस्त होने के संकट से जूझ रहा है। इस आपदा के कारण शुक्रवार तक 450 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, कई जिलों का संपर्क टूट गया है तथा देश की आपदा मोचन क्षमता पर भी गंभीर दबाव पड़ा है।

श्रीलंका की ओर से सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय अपील किए जाने पर भारत ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत मदद पहुंचाने वाला पहला देश रहा। भारतीय उच्चायोग ने बताया कि NDRF की टीम में 80 कर्मी और के9 (श्वान दस्ते) इकाइयां शामिल थीं।

ये टीम 29 नवंबर को श्रीलंका पहुंचीं और उन्हें तुरंत सबसे बुरी तरह प्रभावित कुछ क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया। उच्चायोग ने बताया कि श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय और उनके मार्गदर्शन में काम करते हुए NDRF ने कई जिलों में व्यापक अभियान चलाके।

अपना अभियान सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद NDRF की टीम शुक्रवार को कोलंबो से रवाना हुईं। उसने बताया कि इन टीम ने बादुल्ला, कोच्चिकड़े, पुट्टलम, कोलंबो और गम्पाहा में बाढ़ एवं भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर बचाव कार्य किया।

श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र द्वारा शुक्रवार सुबह जारी की गयी एक रिपोर्ट के अनुसार 16 नवंबर से मौसम खराब होने के कारण आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन में 486 लोगों की मौत हो गयी तथा 341 लापता हैं। इसके अलावा भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने श्रीलंका के आवास एवं निर्माण मंत्री से मुलाकात कर चक्रवात दित्वा के बाद पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास प्रयासों पर चर्चा की।

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