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भारत-रूस रक्षा मंत्रियों की मुलाकात, आत्मनिर्भर भारत और नई तकनीकों में सहयोग पर जोर

पश्चिमी दबाव के बीच भारत-रूस ने रक्षा उत्पादन और नई तकनीकी साझेदारी को मजबूत करने का संकल्प दोहराया

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलूसोव से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, “रूसी रक्षा मंत्री श्री आंद्रेई बेलूसोव से नई दिल्ली में मिलकर बहुत प्रसन्नता हुई। भारत-रूस संबंध गहरे विश्वास, साझा मूल्यों और पारस्परिक सम्मान पर टिका है। यही दोनों देशों के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की मूल भावना है।

आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी रक्षा उद्योग को मजबूती

रक्षा मंत्री ने आगे लिखा, “भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अंतर्गत स्थानीय उत्पादन और निर्यात दोनों के लिए स्वदेशी रक्षा उद्योग की क्षमता बढ़ाने के लिए कृत-संकल्प है।” इस मुलाकात में दोनों मंत्रियों ने रक्षा उत्पादन में भारत की तेज प्रगति पर विस्तार से चर्चा की। राजनाथ ने रूसी पक्ष को बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने हथियारों के आयात में भारी कटौती की है और अब वह दुनिया के प्रमुख रक्षा निर्यातकों में शुमार हो रहा है।

नई तकनीकों में सहयोग की नई संभावनाएं

रक्षा मंत्री ने जोर देते हुए कहा, “मैंने दोनों देशों के बीच उभरती हुई niche तकनीकों (कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, हाइपरसोनिक, अंतरिक्ष-आधारित रक्षा प्रणालियाँ आदि) में सहयोग की नई संभावनाओं को तलाशने पर विशेष बल दिया।” दोनों पक्षों ने संयुक्त अनुसंधान, तकनीकी हस्तांतरण और को-प्रोडक्शन के नए क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया।

अटूट रक्षा साझेदारी

यह मुलाकात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान हो रही गहन रक्षा वार्ताओं का हिस्सा है। दोनों देशों ने स्पष्ट किया कि पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत-रूस रक्षा सहयोग न केवल बना रहेगा, बल्कि भविष्य की तकनीकों में और गहरा जाएगा। पुतिन के भारत दौरे पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई है। खासकर पाकिस्तान और चीन इस बात पर नजरे गड़ाए हैं कि भारत और रूस के बीच क्या समझौते होते हैं।

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