नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कपड़ा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एस. कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड और उसके पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) नितिन कासलीवाल से जुड़े कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में लंदन में बकिंघम पैलेस के पास स्थित 150 करोड़ रुपये मूल्य की एक अचल संपत्ति को कुर्क किया है।
कासलीवाल और उनके परिवार पर 1,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप
केंद्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि इस संपत्ति को कुर्क करने के लिए मंगलवार को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि बकिंघम पैलेस के पास स्थित 150 करोड़ रुपये मूल्य की यह ‘‘उच्च मूल्य’’ वाली संपत्ति नितिन शंभुकुमार कासलीवाल और उनके परिवार के सदस्यों के ‘‘लाभकारी स्वामित्व’’ में है। ईडी के अनुसार, कासलीवाल पर भारतीय बैंकों के एक संघ ने लगभग 1,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।
विदेशी निवेश के माध्यम से धनराशि भारत से बाहर भेजी गई
विदेश में स्थित संपत्ति को कुर्क करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उस देश की समकक्ष एजेंसियों से संपर्क करता है ताकि धनशोधन रोधी कानून के आपराधिक प्रावधानों के तहत ऐसी संपत्ति का कब्जा लिया जा सके। एजेंसी ने आरोप लगाया कि नितिन कासलीवाल ने एस. कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड के माध्यम से बैंकों के एक संघ के साथ धोखाधड़ी की और ‘‘विदेशी निवेश’’ की आड़ में धनराशि को भारत से बाहर भेज दिया।
इसके बाद उन्होंने विदेशों में कई अचल संपत्ति खरीदीं जिन्हें विदेशी क्षेत्रों में निजी ट्रस्ट और कंपनियों की जटिल संरचना के माध्यम से ‘‘छिपाया’’ गया। ईडी ने इस मामले में 23 दिसंबर को छापेमारी की थी और कुछ दस्तावेज तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए थे।
अचल संपत्ति भी कुर्क
एजेंसी ने कहा, ‘‘उक्त सामग्री के विस्तृत विश्लेषण से पता चला कि नितिन कासलीवाल ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, जर्सी और स्विट्जरलैंड सहित, कर चोरी के मामले में पनाहगाह माने जाने वाले कई देशों में ट्रस्ट और कंपनियों का एक जटिल नेटवर्क स्थापित किया था।’’ एजेंसी ने बताया, ‘‘जांच में यह भी सामने आया कि नितिन कासलीवाल ने कैथरीन ट्रस्ट (पूर्व में सूर्या ट्रस्ट) की स्थापना की थी, जिसमें वह और उनके परिवार के सदस्य मुख्य लाभार्थी थे।’’
बयान के अनुसार, यह ट्रस्ट जर्सी और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में स्थित कैथरीन प्रॉपर्टी होल्डिंग लिमिटेड (सीपीएचएल) नामक कंपनी को ‘‘नियंत्रित’’ करता था जिसके पास लंदन में स्थित उस अचल संपत्ति का स्वामित्व था जिसे अब कुर्क किया गया है।