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Vodafone-Idea में सब ठीक नहीं ? 78,500 करोड़ बकाये पर सरकार से की यह बड़ी मांग

किशोर ने कहा कि कंपनी धन जुटाने के लिए बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित कई स्रोतों से संपर्क कर रही है

नई दिल्ली : कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया (VI) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अभिजीत किशोर ने कहा कि कंपनी सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है और उसे उम्मीद है कि वह 78,500 करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व बकाया के लिए सर्वश्रेष्ठ एवं दीर्घकालिक समाधान निकाल लेगी।

किशोर ने कहा कि कंपनी धन जुटाने के लिए बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित कई स्रोतों से संपर्क कर रही है जो दीर्घकालिक वित्तपोषण के लिए समायोजित सकल राजस्व (AGR) मामले के समाधान पर भी निर्भर करता है।

उन्होंने कहा, ‘ हम उस समाधान की तलाश में हैं जो सबसे सही और सरकार के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप हो। हमारा मानना ​​है कि चूंकि उच्चतम न्यायालय का आदेश हाल ही में आया है इसलिए बैंकों को दीर्घकालिक वित्तपोषण के लिए उस पर थोड़ी निर्भरता होगी।’

सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को वित्त वर्ष 2016-17 तक की अवधि के लिए उठाए गए अतिरिक्त एजीआर मांग के संदर्भ में पुनर्विचार करने और उचित निर्णय लेने की अनुमति दी है। साथ ही ब्याज व जुर्माना सहित सभी एजीआर बकाया का व्यापक रूप से पुनर्मूल्यांकन और समाधान करने की भी अनुमति दी है।

कंपनी सूचना के अनुसार, ‘ 30 सितंबर 2025 तक वीआई का बैंकों से बकाया ऋण (अर्जित लेकिन देय नहीं ब्याज सहित) 15.421 करोड़ रुपये है। स्पेक्ट्रम के लिए आस्थगित भुगतान दायित्व (अर्जित लेकिन देय नहीं, ब्याज सहित) है जो वित्त वर्ष 2043-44 तक के वर्ष में देय है और एजीआर जो वित्त वर्ष 2030-31 तक के वर्षों में देय है कुल मिलाकर 201409 करोड़ रुपये है।’

VIL (वोडाफोन आइडिया लिमिटेड) को चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 12,132 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है और 30 सितंबर तक इसकी निवल संपत्ति नकारात्मक 82,460 करोड़ रुपये थी। आलोच्य तिमाही के अंत में कंपनी का कुल ऋण 2.02 लाख करोड़ रुपये था।

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