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चीन ने भारत को रेयर अर्थ मैग्नेट्स का लाइसेंस देना शुरू किया

अमेरिका द्वारा चीनी वस्तुओं पर लगाए गए उच्च शुल्क के जवाब में चीन द्वारा लाइसेंसिंग नियमों को सख्त करने के निर्णय के बाद, 4 अप्रैल से इन चुंबकों पर सख्त निर्यात नियंत्रण लागू कर दिया गया है।

नयी दिल्ली : चीन ने भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट्स (REM) के आयात के लिए लाइसेंस जारी करना शुरू कर दिया है, जिससे भारतीय ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं को कुछ राहत मिली है, जो महीनों से आपूर्ति में व्यवधान का सामना कर रहे हैं। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, ये स्वीकृतियां सीमित संख्या में कंपनियों को दी जा रही हैं, जिनमें जय उशिन, जर्मन ऑटो पार्ट्स निर्माता कॉन्टिनेंटल एजी की भारतीय इकाइयां और महिंद्रा, मारुति सुजुकी और होंडा स्कूटर और मोटरसाइकिल जैसे प्रमुख वाहन निर्माताओं से जुड़े आपूर्तिकर्ता शामिल हैं।

क्या है मामला

चीन विश्व के REMके उत्पादन के एक बड़े हिस्से (90%) को नियंत्रित करता है, जो ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरण और रक्षा प्रणालियों में उपयोग किए जाने वाले आवश्यक घटक हैं। अमेरिका द्वारा चीनी वस्तुओं पर लगाए गए उच्च शुल्क के जवाब में चीन द्वारा लाइसेंसिंग नियमों को सख्त करने के निर्णय के बाद, 4 अप्रैल से इन चुंबकों पर सख्त निर्यात नियंत्रण लागू कर दिया गया है ।

क्या हुआ असर

इन प्रतिबंधों का वैश्विक स्तर पर प्रभाव पड़ा है, जिसमें भारत का विनिर्माण क्षेत्र भी शामिल है। मौजूदा नियमों के तहत, चीनी निर्यातकों को मंजूरी तभी मिल सकती है जब भारतीय आयातक यह आश्वासन दें कि सामग्री का उपयोग रक्षा या अन्य दोहरे उपयोग वाले उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि मंजूरी प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली बनी हुई है।

क्यों जरूरी है रेयर अर्थ मैग्नेट

रेयर अर्थ मैग्नेट ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज और डिफेंस इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी होते हैं। इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EVs) की मोटर्स में इनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।

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