बिहार

Bihar Election : मतगणना कल, कड़ी सुरक्षा में EVM

बिहार के इतिहास में पहली बार पुन: मतदान की सिफारिश नहीं की गई है।

पटना : निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। मतगणना शुक्रवार को राज्य के सभी 38 जिलों में स्थापित 46 केंद्रों पर की जाएगी। मतदान में प्रयुक्त EVM और VVPAT मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

स्ट्रॉन्ग रूम परिसर की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सेन्ट्रल आर्म्ड पैरामिलिट्री फोर्सेज (CAPF) को सौंपा गया है, जबकि बाहरी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पुलिस को दी गई है। इसके अलावा 24 घंटे CCTV निगरानी और अन्य सुरक्षा इंतजाम भी किये गये हैं।

स्ट्रॉन्ग रूमों का निरीक्षण

प्रत्येक स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जहां वरिष्ठ अधिकारी लगातार ड्यूटी पर रहेंगे। संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को प्रतिदिन स्ट्रॉन्ग रूमों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। मॉक पोल के दौरान या मतदान के समय दोषपूर्ण पायी गई EVM और VVPAT मशीनों के साथ-साथ अप्रयुक्त मशीनों को अलग से सुरक्षित रखा गया है।

बढ़ती जागरुकता

बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, रिकॉर्ड मतदान आंकड़े दर्शाते हैं कि महिलाओं और समाज के विभिन्न वर्गों ने भारी संख्या में चुनाव में भाग लिया है। यह बिहार के मतदाताओं की बढ़ती जागरुकता का प्रतीक है।

पुन: मतदान की सिफारिश नहीं : आयोग

निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा कि बिहार में दूसरे चरण में जिन 122 विधानसभा सीट पर चुनाव हुए, उनमें से किसी भी मतदान केंद्र पर पुन: मतदान की सिफारिश नहीं की गई है। आयोग ने बताया कि राज्य के हाल के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी भी मतदान केंद्र पर पुन: मतदान का आदेश नहीं दिया गया। आयोग ने कहा, जांच के बाद, किसी भी मतदान केंद्र पर कोई विसंगति या कदाचार नहीं पाया गया और पुन:मतदान की सिफारिश नहीं की गई।

दोनों चरणों में से किसी भी चरण में पुन:मतदान की सिफारिश नहीं की गई है। यह राज्य में चुनावों के हाल के इतिहास में पहली बार है। एक साल पहले हुए लोकसभा चुनावों में 96 पुन:मतदान कराए गये थे। आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने, छोटी से छोटी गड़बड़ी का पता लगाने और जरूरत पड़ने पर पुनर्मतदान की सिफारिश करने के लिए फॉर्म 17A और मतदान के दिन जांच के निर्देश जारी किये थे।

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