कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के संदर्भ में महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। उन्होंने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि जूनियर डॉक्टरों को कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का समय दिया जाए। अगर निर्धारित समय तक डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर नहीं लौटते हैं, तो राज्य सरकार को उचित कार्रवाई का अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को एक और महत्वपूर्ण निर्देश दिया है: डॉक्टरों को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि डॉक्टर काम पर लौट सकें और उनके कार्यस्थल पर किसी प्रकार की अव्यवस्था या असुरक्षा की स्थिति न हो, राज्य सरकार को पूरी जिम्मेदारी दी गई है।
चीफ जस्टिस ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर जूनियर डॉक्टर काम पर लौटने में विफल रहते हैं और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी जाती है, तो इसे कैसे रोका जा सकता है, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
समय की सीमा: जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटने के लिए कल शाम 5 बजे तक का समय दिया गया है। इस समयसीमा का उद्देश्य हड़ताल को समाप्त करना और स्वास्थ्य सेवाओं को सामान्य स्थिति में लाना है।
राज्य सरकार की जिम्मेदारी: अगर डॉक्टर निर्धारित समय तक काम पर नहीं लौटते हैं, तो राज्य सरकार को उचित कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।
सुरक्षा की व्यवस्था: राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है कि डॉक्टरों को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि वे बिना किसी डर या बाधा के अपनी सेवाएं दे सकें।
सुप्रीम कोर्ट की चिंता: चीफ जस्टिस ने इस बात पर जोर दिया कि यदि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के खिलाफ कोई चुनौती आती है, तो इसे कैसे रोका जाएगा, यह एक गंभीर सवाल है।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने स्पष्ट कर दिया है कि स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता और डॉक्टरों की सुरक्षा दोनों को सुनिश्चित किया जाएगा।