कोलकाता में आरजी कर घटना के खिलाफ गुस्से की लहर ने रविवार की रात को धरना-प्रदर्शन की एक नई मिसाल कायम की। धर्मतल्ला में आधी रात के बाद शुरू हुए इस धरने में न केवल आम जनता, बल्कि कई प्रमुख हस्तियां भी शामिल हुईं। यह प्रदर्शन सोमवार तड़के तक चला, जिसमें लोगों ने न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जताया।
फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन, बंगाली फिल्म उद्योग की प्रमुख अभिनेत्रियाँ स्वस्तिका मुखर्जी और कई अन्य कलाकारों ने कॉलेज स्क्वायर से विशाल रैली की शुरुआत की। इस रैली ने सेंट्रल एवेन्यू की ओर मार्च किया, जहां लोगों ने एक स्वर में महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की। अपर्णा सेन ने इस मौके पर कहा, “हम सड़क पर उतरकर न्याय की मांग कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी, तो मैं फिर से सड़कों पर उतरूंगी। आम लोगों का सच्चाई जानने और जवाब मांगने का अधिकार है।”
स्वस्तिका मुखर्जी ने कहा, “नौ अगस्त की घटना को काफी समय हो चुका है, और एक गिरफ्तारी के बाद भी कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। राज्य सरकार की निष्क्रियता ने लोगों को सड़कों पर उतार दिया है। हम सब मिलकर न्याय की मांग कर रहे हैं।”
धरने में शामिल होने वाले जूनियर डॉक्टरों ने भी अपनी आवाज उठाई, और अन्य रैलियों का आयोजन भी किया गया। रामकृष्ण मिशन स्कूलों के पूर्व छात्रों ने ‘तमसो मां ज्योतिर्गमय’ बैनर लेकर गोलपार्क से रवींद्र सदन तक मार्च किया, जिसमें निष्पक्ष जांच और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की गई।
आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार के चार विभागों – स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, और महिला एवं शिशु विकास – के सामने महिला सुरक्षा के मुद्दे को उठाया। उन्होंने मांग की कि इन विभागों को तुरंत जवाब देना चाहिए और महिला सुरक्षा के सभी पहलुओं पर ठोस कदम उठाने चाहिए। परिवहन विभाग को महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ी व्यवस्था करनी चाहिए, शिक्षा विभाग को सेक्स एजुकेशन को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए, और स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
इस विरोध प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि कोलकाता के लोग न्याय के लिए एकजुट हैं और किसी भी कीमत पर सच्चाई और सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं।