हुगली : चुंचुड़ा के रवींद्रनगर इलाके में एक व्यक्ति इधर-उधर घूम रहा था। लोग समझ रहे थे कि कहीं वह बच्चा चोर तो नहीं। उसे पकड़ कर थाना लाया गया। अमूमन इस तरह के लोगों को पागलखाने में भेज दिया जाता है, लेकिन चुंचुड़ा थाने की पुलिस ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाया और उसके सामने कागज और कलम रखा। काफी देर के बाद उसने अपना नाम लिख दिया। बात करते-करते उसने थाने का नाम भी बताया और गांव का नाम भी। चुंचुड़ा के थाना प्रभारी रामेश्वर ओझा ने बिहार के उस गांव में पुलिस भेजी और उसके परिवार से संपर्क किया। इसके बाद उसके परिवार ने चुंचुड़ा आकर उसे अपनाया।
चुंचुड़ा थाने पुलिस द्वारा उद्धार किये गये उक्त व्यक्ति का नाम धर्म महतो (40) है। वह बिहार के जमुई जिले के चकई थानांतर्गत नगारी गांव का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि वह एक सप्ताह से अधिक समय से लापता था। बताया जा रहा है कि अगर पुलिस समय पर उसे उद्धार नहीं करती तो हो सकता है कि कभी वह बच्चा चोरी के संदेह में मॉब लिंचिंग का शिकार हो जाता। सूत्रों के मुताबिक मानसिक रूप से बीमार 10 दिन पहले नौकरी की तलाश में घर छोड़कर वह कोलकाता आया था, दो दिन काम के बाद लापता हो गया। उसे शुक्रवार की रात चुंचुड़ा के रवीन्द्र नगर इलाके में घूमते हुए देखा गया था। उसे देख पीटने की तैयारी शुरू होने वाली थी। पुलिस को किसी ने सूचित कर दिया, पुलिस तुरंत पहुंची और उसे पीटने से बचा लिया और थाने ले गईं। चुंचुड़ा थाने के आईसी रामेश्वर ओझा को सात भाषाओं की जानकारी है, उन्होंने बात करते हुए जमुई जिले के थानों का नाम बोलना शुरू किया। चुंचुड़ा पुलिस ने चकाई थाने से संपर्क साधा और पूरी जानकारी प्राप्त की। चकाई पुलिस के मुताबिक, धर्म लापता था। धर्म की पत्नी को खबर मिली तो उसने बंडेल में अपने जीजा बलदेव महतो को थाने जाकर जानकारी लेने को कहा। शनिवार को धर्म के परिजन थाना आये पुलिस के इस कार्य की सराहना की।
चंदननगर के पुलिस कमिश्नर ने यह कहा : चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के कमिश्नर अमित पी जवालगी ने चुंचुड़ा के आईसी के कार्य की खूब सराहना करते हुए कहा कि पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति को पहले बचाया और थाने लाकर उसकी जानकारी प्राप्त कर उसे वापस घर भेज दिया।