कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राजभवन में कथित छेड़छाड़ की घटना में कोलकाता पुलिस ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने आईपीसी की धारा 341 और 166 के तहत राजभवन के तीन कर्मचारियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की। महिला कर्मी द्वारा लगाए गए छेड़छाड़ के आरोपों के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 9 मई को 100 लोगों को कैंपस के सीसीटीवी फुटेज दिखाए थे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस का आधिकारिक निवास राजभवन है, जोकि कोलकाता में स्थित है। राजभवन की एक संविदा महिला कर्मी ने कोलकाता पुलिस को शिकायत दी थी कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन में उनके साथ 24 अप्रैल और दो मई को छेड़छाड़ की थी। इसके जवाब में गवर्नर बोस ने कहा था कि चुनाव में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए ये आरोप लगाए जा रहे हैं।
पुलिस ने इन कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज किया केस
इस मामले में कोलकाता पुलिस ने राजभवन स्टाफ के तीन सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने एसएस राजपूत, कुसुम छेत्री और संत लाल के खिलाफ कार्रवाई की। धारा 341 और 166 के तहत इन तीनों कर्मचारियों को नामजद किया गया है। महिला कर्मी द्वारा लगाए गए आरोप के बाद राज्यपाल ने 100 लोगों को राजभवन के सीसीटीवी फुटेज दिखाने के लिए आमंत्रित किया। ये सीसीटीवी फुटेज उन दिनों थे, जिस दिन महिला कर्मी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस सीसीटीवी में आरोप लगाने वाली महिला नजर आईं, लेकिन राज्यपाल नहीं दिखे। यह फुटेज राजभवन के कैंपस का था, लेकिन अंदर का फुटेज नहीं दिखाया गया।