कोलकाता : पपीता एक स्वास्थ्यवर्धक सस्ता एवं घरेलू फल है। पपीते का नाम आते ही कच्ची डकारें रुक जाती हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में भी पपीते का अधिक महत्व है। पपीते में पाचन शक्ति का औषधीय गुण पूर्ण रूपेण विद्यमान है। पपीते में वह अद्वितीय शक्ति है जो अल्सर जैसी घातक बीमारी को अपनी अचूक शक्ति से रोक पाने में समर्थ है। हमारे देश में पपीता हर जगह मिलता है।इसको कई तरह से प्रयोग किया जाता है, मसलन कच्चा पपीता, अधपका पपीता तथा पूरा पका पपीता। यह तीनों अवस्थाओं में स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। इसका गूदा तो उपयोग में लाया ही जाता है साथ में इसके दूध व इसके छिलके का भी चिकित्सा के क्षेत्र में महत्व है।
● भूख न लगे, कब्जियत हो जाय या पेट से सम्बन्धित कोई अन्य रोग हो उसमें पपीता कच्चा या पक्का दोनों रूपों में फायदेमंद कच्चा या पक्का दोनों रूपों में फायदेमंद है। पपीते के गूदे से छोटी आंत के ऊपरी भाग की गिल्टियां व पेट के भयंकर दर्द आदि भी दूर हो तो जाते हैं। कच्चे पपीते की सब्जी व रायता खाने से कृमि रोग दूर होता है।
● कच्चे पपीते का गूदा कपड़े पर लगे दाग को झटपट दूर करने में पूर्ण सक्षम है।
● इसी तरह कच्चे पपीते का दूध यापी पपेन के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं कि पपेन हमारे जीवन में कितना उपयोगी और मूल्यवान है। कच्चे पपीते के दूध (पपेन) से पाचन क्रिया अधिक मजबूत होती है।पपेन से पाचन की सबसे अच्छी और कारगर दवा (पेप्सिन) तैयार की जाती है। पेप्सिन आमाशय से निकलने वाला एक प्रकार का रस है, यानी ‘जैविक एंजाइम’ है जो प्रोटीन को पचाकर उसे शरीर के लिए एक नया रूप देता है। पपेन भी अपने प्रभाव में पेप्सिन से किसी मामले में कम नहीं उतरता। पपेन के कारण ही पपीते में औषधीय गुण विद्यमान होता है।
● कच्चे पपीते के ताजे दूध (पपेन) को दाद, खाज, खुजली व एक्जिमा आदि पर लगाने से कुछ ही दिनों में इसके रोगी स्वस्थ अनुभव करने लगते हैं।
● शरीर पर कहीं मस्से निकले हों अथवा पांव में जूते ने काट लिया हो तो कच्चे पपीते के दूध को घाव पर लगाना लाभप्रद होता है।
● पपेन को सूती और ऊनी कपड़ों को सिकुड़ने से बचाने और उसमें चमक लाने में उपयोग किया जाता है।
● डॉक्टरों द्वारा कैंसर, डिप्थीरिया, अल्सर, चर्मरोग, लीवर टानिक तथा अन्य कई रोगों की दवाइयों में पपेन का इस्तेमाल जरूरत भर किया जाता है।अन्तत: वास्तविकता के पर्दे पर पपीता एक औषधीय गुण युक्त उपयोगी फल है। पपीता खाइये, खाना पचाइये।