कोलकाता : कोले मार्केट के विक्रेता कमल हुसैन एक टोकरी में धनिये की पत्तियों के कुछ बंडल बेच रहे थे। लेकिन टोकरी में धनिये की तुलना में अधिक बर्फ थी। पूछने पर कमल ने कहा, ”इतनी गर्मी में धनिये की पत्तियां सूख रही हैं। इसलिए मुझे धनिया बेचते समय 400 रुपये की बर्फ खरीदनी पड़ी। कमल अकेले नहीं हैं। शुक्रवार की दोपहर थोक बाजार में जाने पर पता चला कि विक्रेताओं की टोकरियों में अपेक्षा से काफी कम सामान था। हीटवेव और उमस भरी गर्मी के कारण बाजार में भीड़ भी नहीं दिखी। विक्रेताओं का कहना है कि इस गर्मी में अनाज का उत्पादन प्रभावित हुआ है, जिसका असर सप्लाई पर पड़ा है। मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होने से कीमतें बढ़ी हैं। गरियाहाट बाजार के कुछ विक्रेताओं ने कहा कि गर्मी के कारण खेतों में सब्जियां लगभग जल रही है।
गर्मी की प्रमुख फसलों में से पटल, भिंडी, झिंगा, लौकी सभी के दाम बढ़ गए हैं। विक्रेताओं का कहना है कि आमतौर पर इस समय पटल 20-30 टका प्रति किलो बिकता है, लेकिन इसकी कीमत 50-60 रुपये के आसपास पहुंच गई है। झिंगा 60 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेची जा रही है। गर्मी से पहले एक लौकी 20-25 टके में बिकती थी, अब वह कीमत लगभग दोगुनी हो गई है। दक्षिण बंगाल के अधिकांश हिस्सों में आलू 22 रुपये से 25 टाका रुपये किलो है। ज्योति अलू 28, चंद्रमुखी 35 रुपये। एक हफ्ते में 100 ग्राम लहसुन की कीमत 15-20 रुपये से बढ़कर 30-35 रुपये हो गई है।