Chaitra Navratri Day 5 : चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन करें मां स्कंदमाता की पूजा, जानिए पूजा ​विधि और … | Sanmarg

Chaitra Navratri Day 5 : चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन करें मां स्कंदमाता की पूजा, जानिए पूजा ​विधि और …

कोलकाता : नवरात्रि में हर दिन मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना जाती है। माता रानी को भोग लगाने से लेकर उनके स्वरूप अनुसार मंत्र जाप और आरती करने से मनोकामना पूर्ण होती हे। चैन नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। मां दुर्गा के इस स्वरूप को यह नाम भगवान कार्तिकेय से मिला है। माता का यह स्वरूप संतान की कामना की पूर्ति करता है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि के पांचवें दिन माता का प्रिय भोग, उनका मंत्र और आरती…

मां स्कंदमाता का रूप

स्कंदमाता के स्वरूप वाली माता के चार भुजाधारी हैं। इनमें दाई तरफ भुजा में कार्तिकेय को गोद में लिया है। निचली भुजा में कमल का पुष्प धारण करती हैं। बाई तरफ ऊपरी भुजा अभय मुद्रा में और निचली भुजा में सफेद रंग का कमल धारण किए हैं। माता की सवारी सिंह हैं। उनके कमल पर विराजने की वजह से पद्मासन कहीं जाती हैं।

ऐसे करें मां स्कंद माता की पूजा

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा के लिए सुबह उठते ही स्नान कर पीले रंग के वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद माता रानी को लाल पुष्प अर्पित करें। माता रानी का स्मरण कर देवी को गंध, धूप, फूल, अक्षत, पान, लौंग, इलायची, सुपारी और बताशे का भोग लगाएं। माता को केले का फल बेहद प्रिय है। ऐसे में माता को केले का भोग लगाएं। माता के मंत्र जाप के बाद आरती करें और शंख बजाएं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, मां स्कंदमाता की पूजा में धनुष बाण अर्पित करने का विशेष महत्व है। इससे माता रानी इच्छा पूर्ण करती है।

यह है स्कंदमाता का मंत्र

दुर्गा के पांचवें स्वरूम स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए माता रानी के मंत्र का जाप करें। इससे माता रानी की कृपा प्राप्त होती है। इसके लिए या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: मंत्र का जाप करें।

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