कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामले में एक बड़ी बात कही है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति अनजान महिला को ‘डार्लिंग’ कहता है तो उसे यौन उत्पीड़न का दोषी माना जाएगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा की अगर ऐसा कोई करता है तो उसे IPC की धारा 354A के तहत जेल जाना पड़ सकता है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पोर्ट ब्लेयर में सर्किट बेंच में एक अपील पर सुनवाई कर रहे थे। हाईकोर्ट की पोर्ट ब्लेयर पीठ की जज जय सेनगुप्ता ने आरोपी की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि सड़क पर किसी अनजान महिला को डार्लिंग कहकर संबोधित नहीं किया जा सकता। यह यौन उत्पीड़न के समान है।
क्या है पूरा मामला ?
आरोपी ने 21 अक्टूबर, 2015 को अंडमान के मायाबंदर पुलिस स्टेशन क्षेत्र में वेबी जंक्शन के निकट एक महिला हेड कांस्टेबल से कहा था ‘क्या डार्लिंग चालान करने आई है क्या’? अदालत ने टिप्पणी को निंदनीय और एक लैंगिकवादी अभिव्यक्ति पाया, क्योंकि इसका इस्तेमाल एक उत्सव की रात में ड्यूटी पर तैनात एक महिला कांस्टेबल के खिलाफ कथित तौर पर नशे में धुत्त एक व्यक्ति ने किया था।
अदालत ने कहा कि आरोपी ने दावा किया था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वह आदमी नशे में था। अदालत ने तर्क के जवाब में कहा कि ‘अगर यह शांत अवस्था में किया गया होता, तो अपराध की गंभीरता शायद और भी अधिक होती।’ कोर्ट ने आगे रेखांकित किया कि हमारे समाज में प्रचलित मानक ऐसे नहीं हैं कि सड़क पर किसी पुरुष को एक अनजान, महिला के संबंध में ऐसी अभिव्यक्ति का उपयोग करने की अनुमति दी जा सके।