कोलकाता : 47वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला के आखिरी रविवार को पुस्तक प्रेमियों की भीड़ लगातार बढ़ती दिखाई दे रही थी। इतने सालों से लगने वाला यह पुस्तक मेला बंगाल और बंगालियों के पांच दशकों के इतिहास का दस्तावेज भी है। इस मेला को विश्व का सबसे बड़ा पुस्तक महोत्सव भी कहा जाता है। रविवार को परिसर में विभिन्न तरह के इवेंट्स का भी आयोजन किया गया है। मेला के परिसर में 1000 से भी ज्यादा स्टॉल्स लगे हुए हैं। पुस्तक मेले के स्टॉल पर पुराने जमाने के मशहूर लेखकों के लिखे पत्रों की तस्वीरें देखने के लिए मेले में लोगों की काफि भीड़ है। लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस टीम की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। वहीं पुस्तक मेला के जॉइंट सेक्रेटरी राजू बरमन ने बताया कि रविवार को हॉलीडे के दिन करीब 3 लाख की भीड़ हुई। लाेगों को हर तरह की सुविधा मिले उसका भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही वहां मौजूदा पुस्तक विक्रेता आकाश मित्रा ने बताया कि उनकी दुकान पर मेडिकल, इंजीनियरिंग और सीबीएसई की नवमी एवं दसवीं की किताबें सबसे ज्यादा बिक रही हैं। उन्होंने बताया कि करीब 1200 लोग अभी तक आ चुके हैं और करीब 5000 किताबों की रविवार को बिक्री हुई है। वहीं विक्रेता दीप घोष ने बताया कि पिछले 6 सालों से सालों से पुस्तक मेला में अपनी दुकान लगाते आ रहे हैं। इस साल गिल्ड की ओर से पुस्तक पर 10 प्रतिशत छूट देने के नियम की वजह से कम बिक्री हुई है। मेले में आई अन्नया ने बताया कि उन्हें डिटेक्टिव, थ्रिलर और फिक्शनल किताबें पढ़ना पसंद है। इस बार मेले में क्यूआर फैसिलिटी होने के कारण लोगों को बहुत सुविधा हुई है। मेले में आई मौमिता दास ने बताया कि उन्हें शॉर्ट स्टोरी की किताबें पढ़ना बहुत पसंद है। उन्होंने यह भी बताया कि अब बहुत सारे बंगाली बुक्स का हिन्दी व अंग्रेजी ट्रांसलेशन भी आने लगा है, जिससे लोगों को पढ़ने में बहुत सुविधा होती है।
Kolkata Book Fair : 47वें अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले के आखिरी रविवार को जुटी भारी भीड़
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