Republic Day 2024: कर्तव्य पथ पर जल,थल,नभ से भारत का शक्ति प्रदर्शन | Sanmarg

Republic Day 2024: कर्तव्य पथ पर जल,थल,नभ से भारत का शक्ति प्रदर्शन

नई दिल्ली: देश के 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर आज कई तरह की झांकियां प्रदर्शित की जा रही हैं। इन झांकियों में सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भूमिका से लेकर महिला वैज्ञानिकों के योगदान की झलक देखने को मिल रही है। देश की महिला शक्ति और लोकतांत्रिक मूल्यों पर केंद्रित इस भव्य समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए हैं।

सबसे पहले  गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया। उसके बाद राष्ट्रगान गाया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। 

आवाहन’ के साथ कर्तव्य पथ पर हुई परेड

कर्तव्य पथ पर आवाहन के साथ गणतंत्र दिवस परेड शुरू हुई. पहली बार, परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकारों द्वारा भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए की गई। परेड की शुरुआत के दौरान कलाकारों ने शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि वाद्य यंत्र बजाए। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर ‘ध्वज’ फॉर्मेशन में चार Mi-17IV हेलीकॉप्टर से दर्शकों के ऊपर पुष्प वर्षा की गई।

भारतीय नौसेना की झांकी में नारी शक्ति की झलक

गणतंत्र दिवस की परेड दौरान कर्तव्य पथ पर भारतीय नौसेना की झांकी में ‘नारी शक्ति’ और ‘आत्मनिर्भरता’ के विषयों पर प्रकाश डालती हुई झांकी देखने को मिली। इसमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और नौसेना के जहाज दिल्ली, कोलकाता और शिवालिक और कलावरी क्लास पनडुब्बी को भी दिखाया गया।

युद्धक टैंक भीष्म ने परेड में हिस्सा लिया

परेड में टी-90 टैंक भीष्म ने भी अपना जलवा दिखाया। इसकी कमान लेफ्टिनेंट फैज सिंह ढिल्लन संभाल रहे थे। बता दें कि इस टैंक की 5 हजार मीटर तक मारक क्षमता है और रफ्तार 50-60 किलोमीटर प्रति घंटा है।

फ्रांस की सेना का मार्चिंग दस्ता और बैंड की परेड में दिखी झलक

फ्रांस की सेना का मार्चिंग दस्ता और बैंड भी परेड में शामिल हुआ। यह 30 जवानों का फ्रांसीसी सेना का बैंड है जिसकी कमान कैप्टन खुर्दा ने संभाला। फ्रांस के मार्चिंग दस्ते में 90 जवान थे जिनकी कमान कैप्टन नोएल संभाल रहे थे। इसके बाद भारतीय सेना कई रेजिमेंट ने हिस्सा लिया।

मद्रास रेजिमेंट का मार्चिंग दस्ता

कर्तव्य पथ पर मद्रास रेजिमेंट के मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व कैप्टन यश डाडल ने किया। यह भारतीय सेना की सबसे पुरानी इन्फेंट्री रेजिमेंट है। भारत-पाक, भारत-चीन जंग में इसने हिस्सा लिया था। 1975 में इसका गठन किया गया, रेजिमेंट में 29 बटालियन शामिल है। इसने 5 ओलंपिक खेलों में भी हिस्सा लिया है।

राजपूताना राइफल्स का दस्ता

इसके बाद राजपूताना राइफल्स की टुकड़ी का नेतृत्व लेफ्टिनेंट संयम चौधरी ने किया। पहली बटालिया का गठन 1775 में हुआ। भारतीय सेना की सबसे पुरानी राइफल रेजिमेंट है। कारगिल जंग में 2 सेक्टर में कब्जा दिलाने में मददगार है। रेजिमेंट ने 10 अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त किए।

भारतीय नौसेना के ब्रास बैंड की जोशीली धुन

भारतीय नौसेना का ब्रास कर्तव्य पथ पर है. ब्रास बैंड का नेतृत्व एम एथेंनी राज कर रहे हैं। नौसेना के गीत ‘जय भारती’ की धुन बजा रहे हैं। विश्व विख्यात ब्रास बैंड के दस्ते में 80 वादक शामिल हैं।

भारतीय वायु सेना का बैंड

भारतीय वायु सेना बैंड कर्तव्य पथ पर अलग छटा बिखेरा। ये वायुसेना का 3 ड्रम मेजर और 72 बैंड वादकों का दस्ता है। मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर ने किया। इसमें वायुसेना के 144 जवान, 4 अधिकारी शामिल हुए।

 तटरक्षक दल का दस्ता

कर्तव्य पथ पर तटरक्षक दल के दस्ते ने भी मार्च किया। इसके ‘समुद्र के प्रहरी’ कमान सहायक असिस्टेंट चुनौती शर्मा रहे। कमान के साथ असिस्टेंट कमांडेंट पल्लवी भी शामिल हुईं। 154 समुद्री जहाजों, 78 विमान बेड़ा, हर चुनौती से मुकाबला करते हैं। समुद्री ऑपरेशन में अब तक 11,516 लोगों की जान बचाई है।

CISF का मार्चिंग दस्ता

CISF का बैंड दस्ता और CISF का मार्चिंग दस्ता भी परेड में शामिल हुआ। बैंड का नेतृत्व कांस्टेबल कश्यप मोनिका नरेंद्र ने की। वहीं, CISF के मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व सहायक कमांडेंट तन्मयी मोहंती ने किया। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को श्रद्धांजलि दी गई। लक्ष्मीबाई की साहसिक गाथा और विरासत का प्रदर्शन है। टीम में 3 सुपरन्यूमरेरी अधिकारी और 144 रैंक शामिल हुए।

दिल्ली पुलिस महिला बैंड और BSF का ऊंट दस्ता

ITBP महिला दस्ता, एसएसबी बैंड, SSB मार्चिंग दस्ता, दिल्ली पुलिस महिला बैंड कर्तव्य पथ पर परेड में शामिल हुए। इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल का ऊंट दस्ता भी दिखाई दिया। BSF के शाही ऊंच पर डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह खीची थे। दस्ते में इंस्पेक्टर शैतान सिंह और 2 सब इंस्पेक्टर थे। परेड में दूसरी बार ऊंट सवार महिला जवानों का कारवां दिखा।

सिख रेजिमेंट परेड

भारतीय थलसेना की सिख रेजिमेंट की एक टुकड़ी ने मेजर सरबजीत सिंह की अगुवाई में शुक्रवार को 75वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान यहां कर्तव्य पथ पर मार्च किया। सिख रेजिमेंट की स्थापना ‘शेर-ए-पंजाब’ महाराजा रणजीत सिंह के सिपाहियों ने 1846 में की थी। अगली टुकड़ी मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर, जाट रेजिमेंटल सेंटर और आर्मी ऑर्डनेंस कोर सेंटर (एओसी) के 72 संगीतकारों का एक संयुक्त बैंड थी। इस बैंड का नेतृत्व एओसी सेंटर के सूबेदार अजय कुमार एन ने किया।

जम्मू कश्मीर लाइट इंफ्रैंट्री और अग्निवीर 

जम्मू कश्मीर लाइट इंफ्रैंट्री के जवानों ने भी परेड में भाग लिया। आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) कॉलेज एंड सेंटर’, डोगरा रेजिमेंट सेंटर और भारतीय सेना सेवा कोर (एएससी) सेंटर (उत्तर) के संयुक्त बैंड ने ‘सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा’ की धुन पर कर्तव्य पथ पर मार्च किया। इसके बाद कुमाऊं रेजिमेंट की एक टुकड़ी आई। बता दें कि ये यह पहली रेजिमेंट है जिसने आजादी के बाद जम्मू-कश्मीर में अभियान को अंजाम दिया था।

कुमाऊं रेजिमेंट

कर्तव्य पथ पर कुमाऊं रेजिमेंट के दस्ते की अगुआई कैप्टन चिन्मय शेखर तपस्वी ने किया। रेजिमेंट का 200 वर्षों का समृद्ध इतिहास है। जम्मू-कश्मीर युद्ध में भाग लेने वाली पहली रेजिमेंट है। श्रीनगर हवाई क्षेत्र की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। रेजिमेंट को प्रथम परमवीर चक्र का अद्वितीय सम्मान हासिल है।

 

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