कोलकाता: प्रति वर्ष 11 अक्टूबर को दुनिया भर में ‘इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे’ मनाया जाता है। इसे लेकर यूनाईटेड नेशंस महासभा में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें लड़कियों के सम्मान के दिन के रूप में यह घोषित किया गया था। तब से ही इस दिन को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे के रूप में मनाया जाता है. महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के लिए आवाज पहली बार 1995 में बीजिंग में महिलाओं पर विश्व सम्मेलन में बीजिंग घोषणा में उठाई गई थी और तब ही यह अधिकार इस घोषणा द्वारा प्राप्त किया गया था। विश्व के इतिहास में यह दुनिया भर में लड़कियों के सामने आने वाले आवश्यकता की पहचान करने वाला पहला ब्लूप्रिंट था। इंटरनेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे की शुरुआत गैर-सरकारी संगठन प्लान इंटरनेशनल के अभियान ‘क्योंकि मैं एक लड़की हूं’ के रूप में हुई। यह इंटरनेशनल गैर-सरकारी संगठन है जो लगभग 70 देशों के लिए काम करता है। जो लड़कियों को जागरूक बनाता है और उनकी आवाज़ को बढ़ाता है।
इस दिन का क्या है उद्देश्य ?
यह दिन सामाजिक कार्यों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या ज्यादा करने का प्रयास करता है। लड़कियों के जीवन को अच्छा बनाने के लिए अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। आज के समय में हर दस लड़कों की तुलना में 4 लड़कियां बेरोजगार और अशिक्षित है। इसी गैप को भरने के लिए इस तरह के दिवस मनाए जाते हैं।