झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ( Hemant Soren) की मुश्किलें बढ़ सकती है। जमीन घोटाले (Land Scam) में ED ने समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। घोटाले में इस तरीके से आया सीएम हेमंत सोरेन का नाम।
New Delhi: मंगलवार (08 अगस्त) को प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजा। पूरा मामला सेना के जमीन घोटाला से जुड़ा है। सीएम सोरेन पर 1000 करोड़ रुपए के जमीन घोटाले का आरोप है। इसी केस में सीएम के करीबी पंकज मिश्रा की भी पहले गिरफ्तारी हो चुकी है। 14 अगस्त को सीएम से मामले में पूछताछ होगी।
पहले भी हो चुकी है CM सोरेन से पूछताछ
बरहेट विधानसभा क्षेत्र से सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को जुलाई 2022 में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। वहीं, 18 नवंबर, 2022 को ईडी ने सीएम सोरेन से पूछताछ की थी। करीब 10 घंटे तक उन्हें एजेंसी के सवालों का सामना करना पड़ा था।
क्या है घोटाले का पूरा मामला ?
दरअसल, सेना के जमीन के मामले में कर आयुक्त ने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में जमीन पर फेक नाम और गलत पते के आधार पर कब्जा करने का आरोप लगा। इसके बाद रांची के नगर निगम ने शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान ED ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, न्यूक्लियस मॉल के मालिक और कारोबारी बिष्णु अग्रवाल के कई ठिकानों पर छापा पड़ा था। सबूत मिलने के बाद ED ने सभी लोगों को गिरफ्तार किया था। वहीं, इस मामले में अबतक 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन के नाम भी शामिल है।
घोटाले पर अदालत में ED ने कहा
सितंबर 2022 में रांची की अदालत में ED ने कहा कि साहिबगंज समेत आस-पास के कई इलाकों में पत्थरों के अवैध खनन का पता लगाया है। जिसकी कीमत 1000 करोड़ रुपए से अधिक है। जो सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा द्वारा कंट्रोल होता है। शिकायत में ईडी ने कहा कि कई खदानों और सामग्री के परिवहन में पंकज मिश्रा की हिस्सेदारी थी। पंकज ने क्रशरों की स्थापना को भी नियंत्रित किया। मामले में 3 लोगों को आरोपी बनाया गया इसमें प्रेम प्रकाश और बच्चू यादव के नाम पंकज मिश्रा के नाम के साथ शामिल है। तीनों आरोपियों पर खनन के माध्यम से लाभ लेने का आरोप है।