यह हादसा 25 हजार वोल्ट बिजली की तार की चपेट में आने से हुआ। हादसे के बाद विभिन्न ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोक कर रखा गया है। अचानक विभिन्न स्टेशनों पर रेलगाड़ियों को रोक देने से गर्मी के मौसम में यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सभी मृतक लातेहार, पलामू और इलाहा के रहने वाले
डीआरएम कमल किशोर सिन्हा और रेलवे के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। वहीं हादसे के बाद आमजन और अन्य ठेका कर्मियों का काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोग इस घटना के लिए ठेकेदार और रेलवे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि रेलवे प्रशासन की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी दुर्घटना हुई। वहीं डीआरएम ने बताया कि बगैर पावर ब्लॉक के यह काम चल रहा था। उन्होंने कहा कि घटना की जांच करा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दो मजदूर किसी तरह से बचने में रहे सफल
बताया गया है कि डाउन लाइन के पोल संख्या 7 के निकट रेल लाइन के किनारे सभी ठेका मजदूर पोल को गाड़ रहे थे। इसी दौरान पोल अनियंत्रित हो गया और 25 हजार वोल्ट के हाईटेंशन लाइन मंे सट गया। इससे मौके पर ही छह मजदूरों की मौत हो गई। जबकि दो मजदूर किसी तरह से जान बचाकर भाग निकलने में सफल रहे।
घटना के एक घंटे बाद तक धधकता रहा आग
घटनास्थल के निकट एक युवती निशा कुमारी उस वक्त चापानल से पानी ले रही थी। वह भी करंट की चनेट में आ गई। हालांकि उनकी स्थिति गंभीर नहीं है। प्रत्यदर्शियों ने बताया कि घटना के बाद करीब एक घंटे तक आग धधकता रहा। इससे आसपास के इलाके में भी चीख पुकार मच गई।