प्लास्टिक में बांधकर रखा गया था 8 घंटे तक, बाद में भी नहीं बचाया जा सका
कैसे जीवित को किया गया मृत घोषित स्वास्थ्य विभाग की कमेटी करेगी जांच
मिदनापुर : पश्चिम मिदनापुर जिला अंतर्गत घाटाल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मृत घोषित एक नवजात शिशु के जिंदा हो जाने से इलाके में अच्छा खासा हड़कंप मच गया। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रसकुंडू इलाके में रहने वाली एक महिला ने शनिवार को दोपहर अस्पताल में उस नवजात को जन्म दिया था। शाम को अस्पताल की ओर से परिजनों को यह जानकारी दी गई कि जन्म के 20 मिनट बाद ही उस शिशु की मौत हो गयी है। जिसके बाद अस्पताल की ओर से रात के समय उस शिशु का मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। इसके बाद उसे करीब 8 घंटे तक उसे प्लास्टिक में बांध कर रखा गया था। जब रात में ही शिशु के शव को लेकर दफनाने के लिए परिजन निकले तो प्लास्टिक से सांस लेनी की आवाज सुनायी दी। वे जब वापस लेकर भागे तो तब तक देर हो चुकी थी। परिजनों का दावा है कि शिशु के शव को कब्रगाह में दफनाने के पहले ही वह जीवित हो उठा था। जिसके बाद परिजन फिर उस शिशु को लेकर घाटाल अस्पताल में पहुंचे, जहां उसे आईसीयू में भर्ती किया गया, लेकिन कुछ देर बाद उस शिशु की मृत्यु हो गयी। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही से ही जीवित नवजात को मृत घोषित कर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जबर्दस्त हंगामा किया। घटना के बारे में खबर मिलने पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सौम्य शेखर षाड़ंगी, घाटाल के विधायक शीतल कपाट तथा घाटाल अस्पताल के सुपर डॉक्टर सुब्रत दे ने परिजनों के साथ अस्पताल में एक बैठक की। जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सौम्य शेखर षाड़ंगी ने कहा कि समय से पहले ही उस शिशु का जन्म हो गया था। उसकी मृत्यु कैसे हुई है? इसे लेकर 2 कमेटियों का गठन किया गया है। जिला अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के नेतृत्व में एक कमेटी इस मामले की जांच करेगी। जबकि घाटाल अस्पताल में भी एक जांच कमेटी से इस मामले की जांच पड़ताल कराई जाएगी।
Crime : कब्र में दफनाने के पहले नवजात के जिंदा हो जाने से हड़कंप
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